हाथरस 17 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान के तहत जनपद हाथरस पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा के निर्देशन में चिन्हित गंभीर अभियोगों में प्रभावी पैरवी एवं मॉनिटरिंग सेल की सक्रिय भूमिका के परिणामस्वरूप न्यायालय हाथरस ने हत्या के एक पुराने मुकदमे में तीन अभियुक्तों को आजीवन सश्रम कारावास और 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
घटना का संबंध थाना सिकन्द्राराऊ क्षेत्र से है। दिनांक 18 जुलाई 2016 को वादी द्वारा थाने पर सूचना दी गई थी कि जब वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ससुराल से लौट रहा था, तभी अगसौली चौकी से लगभग एक किलोमीटर दूर कासगंज की ओर कुछ अज्ञात बदमाशों ने उसकी मोटरसाइकिल को रोक लिया। उन्होंने उसकी पत्नी के गहने छीनने का प्रयास किया, और विरोध करने पर उसके पुत्र केशव को गोली मार दी, जिसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इस घटना पर थाना सिकन्द्राराऊ पर मु0अ0सं0 468/2016, धारा 394/302 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान तीन अभियुक्त रिंकू पुत्र प्रेमपाल सिंह निवासी मिलावली जनपद एटा, दयाराम पुत्र किशोरीलाल निवासी नगला बधिक जिला कासगंज एवं प्रेमपाल पुत्र कालीचरण निवासी सुभाष नगर जनपद हाथरस को गिरफ्तार किया गया। विवेचक द्वारा साक्ष्य संकलन कर गुणवत्तापूर्वक विवेचना पूरी की गई और 14 अक्टूबर 2017 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। शासन के दिशा-निर्देशों एवं पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान के क्रम में, पुलिस अधीक्षक हाथरस के निर्देशन में इस अभियोग की प्रभावी पैरवी मॉनिटरिंग सेल हाथरस एवं अभियोजन शाखा द्वारा की गई। प्रभावी पैरवी और ठोस साक्ष्यों के आधार पर माननीय न्यायालय हाथरस ने दिनांक 17 अक्टूबर को अभियुक्त रिंकू, दयाराम, और प्रेमपाल को धारा 302 भादवि के अंतर्गत आजीवन सश्रम कारावास व 20-20 हजार रुपये अर्थदंड तथा धारा 394 भादवि के अंतर्गत आजीवन सश्रम कारावास व 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला हाथरस पुलिस की प्रभावी पैरवी, ठोस साक्ष्य और अपराध के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम है, जो “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान की उल्लेखनीय सफलता को दर्शाता है।