
हाथरस 16 अक्टूबर । हाथरस के सिकंदराराऊ स्थित फुलरई मुगलगढ़ी गांव में पिछले साल 2 जुलाई को हुई भगदड़ के मामले की न्यायिक प्रक्रिया गुरुवार को आगे बढ़ी। इस दौरान उपनिरीक्षक रामकिशोर सिंह ने अदालत में अपनी गवाही दी। जानकारी के अनुसार, इस घटना में 121 लोगों की मौत और 150 से अधिक घायल हुए थे। पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ 3200 पृष्ठों का आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें 676 गवाहों का बयान शामिल है। मुख्य आरोपियों में देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, रामप्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह शामिल हैं। सभी आरोपियों पर आरोप तय हो चुके हैं और उन्हें जमानत मिल चुकी है। आरोपी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने बताया कि यह हादसा पुलिस की लापरवाही का परिणाम था, जिसके चलते कुछ पुलिसकर्मी निलंबित भी हुए थे। उपनिरीक्षक रामकिशोर सिंह की गवाही के अनुसार, घटना वाले दिन काफी उमस और गर्मी थी, और सभी सेवादार अपने काम में व्यस्त थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगदड़ पंडाल के अंदर नहीं, बल्कि दूसरी तरफ हुई थी और यह कोई सोची-समझी घटना नहीं बल्कि एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था। इस मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।












