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सिकंदराराऊ 16 अक्टूबर । सिकंदराराऊ में एक नाबालिग की संपत्ति को फर्जी दस्तावेज़ के सहारे बेचने का मामला सामने आया है। कमला देवी, पत्नी मृतक शैलेंद्र गिरी, ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बहू सुनीता ने अपने पूर्व पति शैलेंद्र गिरी की मृत्यु के बाद फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर और षड्यंत्र रचकर नाबालिग पुत्र हुकम गिरी की जमीन को बेचा। रिपोर्ट के अनुसार, सुनीता ने जनवरी 2012 में अपने पति शैलेंद्र को छोड़ दिया और पंचायत में विवाह विच्छेद के माध्यम से तलाक घोषित कर खुद को दीपक पुत्र मंगल गिरी से पुनर्विवाहित कर लिया। उन्होंने अपने आधार कार्ड में पति का नाम दीपक अंकित कराया और इस संबंध से उनकी पुत्री मानवी का जन्म हुआ। इस दौरान नाबालिग हुकम गिरी कमला देवी के पास रहा।

कमला देवी ने बताया कि सुनीता ने धोखाधड़ी और जालसाजी के माध्यम से अपने फर्जी आधार कार्ड और हल्का लेखपाल की सहायता से अपने नाम को शैलेंद्र गिरी के मृत अंश हिस्से में दर्ज कराया। इसके बाद उसने नाबालिग हुकम गिरी की संरक्षिका होने का दिखावा करते हुए 29 जुलाई 2025 को जमीन 7 लाख रुपए में मनीष यादव को बैनामा द्वारा बेच दिया। बैनामा के साक्षी रोहित कुमार और राजकुमार को भी इस जालसाजी की जानकारी थी। इसके अतिरिक्त मनीष यादव का मामा संजीव कुमार ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर भांजे के नाम पर बैनामा करवा कर नाबालिग की संपत्ति पर कब्जा करने की योजना बनाई। कमला देवी ने पुलिस से कहा कि यह घटना सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि फर्जी दस्तावेज और धोखाधड़ी के माध्यम से नाबालिग की संपत्ति हड़पने की गंभीर षड्यंत्रपूर्ण योजना है। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर मामला कोतवाली में दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है, जिसमें क्रेता, विक्रेता, गवाह और फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले सभी पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में फर्जी आधार कार्ड, हल्का लेखपाल की मिलीभगत, और आपराधिक षड्यंत्र के तत्व शामिल होने के कारण न केवल पारिवारिक विवाद है बल्कि यह कानूनी दृष्टि से गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। पुलिस द्वारा मामले की त्वरित जांच कर उचित कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

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