हाथरस 14 अक्टूबर । इस वर्ष कार्तिक मास के पर्वों की श्रृंखला 18 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है। 18 अक्टूबर दिन शनिवार को शनि प्रदोष व्रत रहेगा, इस दिन भगवान धन्वंतरि जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। 19 अक्टूबर रविवार को इंद्र योग बन रहा है, जो अत्यंत श्रेष्ठ और शुभ कारक रहेगा। इसी दिन गुरु पुनर्वसु नक्षत्र कर्क राशि में रहेगा, जो 1952 के बाद पहली बार शनिवार धनतेरस के दिन जैसा स्वयं सिद्ध मुहूर्त प्रदान कर रहा है। रविवार को नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी के निमित्त सांयकाल दीपदान करना विशेष फलदायी रहेगा। 20 अक्टूबर सोमवार को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के प्रदोष काल में अमावस्या तिथि होने के कारण दीपावली का मुख्य पर्व मनाया जाएगा। वहीं 21 अक्टूबर मंगलवार को भी उदया तिथि में अमावस्या रहेगी, किंतु इस दिन व्यापारिक दृष्टि से पूजन करना धनहानिकर बताया गया है। इसलिए 20 अक्टूबर सोमवार को ही लक्ष्मी-गणेश पूजन करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष लक्ष्मी पूजन का सर्वोत्तम मुहूर्त शाम 5:51 बजे से रात 8:30 बजे तक रहेगा। प्रदोष बेला द्वितीय मौर्य टी वर्ष लग्न में 7:18 बजे से 9:15 बजे तक सिंह लग्न और मध्यरात्रि उपरांत 1:48 से 4:00 बजे तक का समय भी शुभ बताया गया है। विशेष रूप से रात्रि 7:30 से 7:42 बजे तक प्रदोष काल स्थिर वृष लग्न और कुंभ लग्न के स्थिर नवांश में किया गया पूजन व्यापारिक उन्नति और धन प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ रहेगा। 21 अक्टूबर मंगलवार को भगवती अमावस्या के दिन देव-पितृ कार्यों की पूर्णता का भी विशेष महत्व रहेगा।