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हाथरस 09 अक्टूबर । दीपावली के शुभ अवसर पर स्थानीय उद्यमियों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन देने तथा स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोडवेज बस स्टैंड के निकट आर.डी. गर्ल्स डिग्री कॉलेज में आज से 18 अक्टूबर तक स्वदेशी मेला-2025 आयोजित किया गया। मेले का उद्घाटन सांसद अनूप प्रधान वाल्मीकि, विधायक अंजुला सिंह माहौर, विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा, नगर पालिका जिलाध्यक्ष श्वेता चौधरी, जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी और जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित कर और सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। उद्घाटन के अवसर पर माननीय सांसद ने मेले में उपस्थित नागरिकों से “स्वदेशी अपनाएं, देश को आत्मनिर्भर बनाएं” का संदेश साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज़ादी के 100 वर्ष, यानी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है, और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का यह अभियान इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने जीएसटी दरों में महत्वपूर्ण कटौती की है, जिससे व्यापारियों और उद्योग जगत को नई ऊर्जा मिली है और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। सांसद ने आगे कहा कि वन जिला-वन उत्पाद योजना के तहत हाथरस में हींग का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिसकी बिक्री भारत और विदेशों में भी हो रही है। इसके अलावा रेडीमेड गारमेंट्स, नमकीन, मसाले और अन्य स्थानीय उत्पाद पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि दीपावली जैसे पर्वों पर स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें, जिससे कारीगरों, उद्यमियों और स्थानीय व्यापारियों को लाभ मिले और देश की अर्थव्यवस्था सशक्त बने।

विधायक अंजुला सिंह माहौर, विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा, नगर पालिका जिलाध्यक्ष श्वेता चौधरी और जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी ने भी अपने संबोधन में कहा कि स्वदेशी मेला प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि यदि स्वदेशी उत्पाद महंगे भी हों, तो उसमें हमारे कारीगर और मजदूर का पसीना और मेहनत शामिल है। देश का पैसा देश में रहने पर ही भारत वास्तविक रूप से आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगा। उन्होंने सभी उपस्थित नागरिकों, व्यापारियों और युवाओं से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और प्रचारित करें, जिससे वर्ष 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में नागरिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

मेले में लगभग 50 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, जूट उत्पाद, हैंडमेड डेकोरेटिव आइटम, आयुर्वेदिक उत्पाद और फूड प्रोडक्ट्स प्रदर्शित किए गए हैं। मेले के दौरान जादूगर दिव्य कृष्ण ने अपनी कला के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों के महत्व को उजागर किया। इसके साथ ही विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को टूल किट और डेमो चैक वितरित किए गए। जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय ने भी उपस्थित जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों और नागरिकों का स्वागत किया और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मेले के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, उद्योगपतियों और व्यापारियों को विपणन का मंच मिल रहा है, जिससे वे अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार कर सकेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने विशेष रूप से नागरिकों से अपील की कि दीपावली पर स्थानीय मिट्टी और हस्तनिर्मित उत्पादों, जैसे मिट्टी के दीपक, सजावटी आइटम और घरेलू वस्तुएं खरीदें, ताकि न केवल हमारी परंपरा और संस्कृति बनी रहे बल्कि स्थानीय उद्योगों और कारीगरों का उत्साह बढ़े। उद्घाटन अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, उपायुक्त उद्योग, सांसद, विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, उद्यमी और पत्रकार उपस्थित रहे। इस मेले का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को विपणन का मंच प्रदान करना, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना और नागरिकों में आत्मनिर्भर भारत के संदेश को व्यापक रूप से फैलाना है।

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