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हाथरस 09 अक्टूबर । जिला कृषि रक्षा अधिकारी निखिल देव तिवारी ने जानकारी दी कि विगत कुछ वर्षों में प्रदेश के कई जनपदों में लेप्टोस्पायरोसिस तथा स्क्रब टाइफस के मामले सामने आए हैं। इन्हीं को देखते हुए जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण जागरूकता अभियान का द्वितीय चरण 5 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा जन सहभागिता और क्षेत्रीय कर्मचारियों के सहयोग से चूहा एवं छछूंदर नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि चूहे और छछूंदर न केवल फसलों को 10 से 15 प्रतिशत तक नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि प्लेग, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस जैसे रोगों के वाहक भी हैं।

उन्होंने किसानों और ग्रामीणों से अपील की कि—

  • खेतों की नियमित सफाई व निरीक्षण करें, झाड़ियों व कूड़े में बने चूहे के बिल नष्ट करें।

  • चूहेदानी या ब्रोमोडियोलान 0.005% दवा के बने चारे का प्रयोग करें।

  • एल्युमिनियम फॉस्फाइड दवा का सावधानीपूर्वक उपयोग करें और मृत चूहों को मिट्टी में गाड़ दें।

अधिकारी ने छह दिवसीय चूहा नियंत्रण कार्ययोजना भी बताई, जिसमें पहले दिन निरीक्षण, दूसरे दिन बिलों की पहचान, तीसरे दिन बिना ज़हर के चारा, चौथे दिन ज़िंक फॉस्फाइड मिश्रित चारा, पाँचवें दिन मृत चूहों का निस्तारण और छठे दिन बिल बंद करने की प्रक्रिया शामिल है। उन्होंने बताया कि स्क्रब टाइफस संक्रमित चूहों या छछूंदर के पिस्सुओं से फैलता है, जिससे तेज बुखार, शरीर दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। वहीं लेप्टोस्पायरोसिस रोग संक्रमित पानी या जानवरों (जैसे चूहे, कुत्ते, बिल्ली) से फैलता है। इसमें तेज बुखार, उल्टी, पीलापन और शरीर दर्द के लक्षण होते हैं।
ऐसे लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है।

अधिकारी निखिल देव तिवारी ने लोगों से अपील की कि —

  • खाद्य व पेय पदार्थों को ढककर रखें।

  • रासायनिक दवाओं को बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

  • मच्छरों की रोकथाम के लिए जमा पानी हटाएँ और मच्छररोधी पौधे जैसे नीम, तुलसी, गेंदा, लेमनग्रास, सिट्रोनेला आदि लगाएँ।

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