हाथरस 03 अक्टूबर । विजयादशमी के पावन अवसर पर क्षत्रिय बन्धु सेवा समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में हाथरस जंक्शन स्थित शिव दुर्गा मैरिज होम में भव्य सामाजिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गुरुवार, 2 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में क्षत्रिय समाज के वरिष्ठजन, जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद, समाजसेवी और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। आयोजन का उद्देश्य समाज में संगठन, शिक्षा, संस्कार और सेवा की भावना को सुदृढ़ करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक वीरेंद्र सिंह राणा और समिति के अध्यक्ष चरण सिंह राजपूत, महासचिव प्रदीप सेंगर सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा भगवान श्री राम की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। विधायक राणा ने अपने संबोधन में कहा कि विजयादशमी हमें यह संदेश देती है कि चाहे अन्याय कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसका अंत निश्चित है। उन्होंने युवाओं से शिक्षा को अपना शस्त्र और संगठन को अपनी शक्ति बनाने की अपील की।
सम्मेलन का संचालन डॉ. भूपेंद्र आर्य ने किया, जबकि सह संयोजन में तरुण विजय सेंगर और योगेश राजपूत ने व्यवस्था संभाली। कार्यक्रम व्यवस्थापक मनोज सेंगर और संचालक दीपक सेंगर ने आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया। महासचिव प्रदीप सेंगर ने कहा कि यह सम्मेलन केवल सामाजिक मिलन का अवसर नहीं बल्कि समाज की चुनौतियों पर मंथन करने का मंच है। वक्ता एवं समाजसेवियों ने शिक्षा, संस्कार, तकनीकी प्रगति और कौशल विकास पर जोर दिया। विनोद ठाकुर ने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति शिक्षा और संस्कार से होती है। ए पी सिंह ने नई पीढ़ी को तकनीकी और उच्च शिक्षा से जोड़ने की आवश्यकता बताई। हेमंत सेंगर ने समाज के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. पवन सेंगर ने रोजगार और कौशल विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
सम्मेलन में प्रमोद मदनावत, एस.पी. सिंह सेंगर, सोमेंद्र सिंह सहित कई सहयोगियों ने आयोजन को सफल बनाने में मदद की। कार्यक्रम स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक रंगों से सज्जित रहा। मंच से बार-बार यह नारा गूंजा – “धर्मक्षेत्र, समाजक्षेत्र, शिक्षा और सेवा ही हमारा धर्म है”। युवाओं ने समाज में शिक्षा का अलख जगाने और सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने का प्रण लिया। कार्यक्रम का समापन महासचिव प्रदीप सेंगर और अध्यक्ष चरण सिंह राजपूत द्वारा सभी अतिथियों, वक्ताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए श्रीराम स्तुति के साथ हुआ। यह सम्मेलन केवल आयोजन नहीं बल्कि समाज के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत साबित हुआ। विजयादशमी के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध किया कि जब समाज शिक्षा, संगठन और सेवा के मार्ग पर चलता है, तो उसका भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित होता है।