
हाथरस 02 अक्टूबर । व्यक्ति के मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रही एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स (ADHR) ने अज्ञात शव के धार्मिक रीति-रिवाज से दाह संस्कार का कार्य किया। यह दाह संस्कार समाजसेवी सुनीत आर्य के नेतृत्व में एडीएचआर की देखरेख में संपन्न हुआ, जिसमें एडीएचआर पदाधिकारी महेश चंद्र अग्रवाल और अभिषेक अग्रवाल का पूर्ण सहयोग रहा। घटना 29 सितंबर की है, जब हाथरस जंक्शन रेलवे स्टेशन के वेटिंग हॉल में एक महात्मा जो भिक्षा मांग कर जीवन यापन कर रहे थे, मूर्छित अवस्था में पाए गए। रेलवे पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल, बागला में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जीआरपी पुलिस ने शव को पहचान के लिए 72 घंटे रखा, लेकिन पहचान न होने के कारण शव को थाना पुलिस द्वारा लावारिस घोषित कर पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद पुलिस ने समाजसेवी सुनीत आर्य और प्रवीण वार्ष्णेय से शव के अंतिम संस्कार के लिए अनुरोध किया। समाजसेवियों ने शव का हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार किया। अंतिम संस्कार में प्रवीण वार्ष्णेय (राष्ट्रीय महासचिव, ADHR), सुनीत आर्य, एनएसएस अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, आयोग दीपक, बंटी भाई, तरुण राघव, नीरज गोयल, टेकपाल कुशवाहा, सत्येंद्र मोहन राही, दीपांशु वार्ष्णेय, साथ ही जीआरपी हेड कांस्टेबल मुकेश यादव और कांस्टेबल अरुण कुमार उपस्थित रहे।











