
हाथरस 01 अक्टूबर । अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, अलीगढ़ रोड स्थित आनंदपुरी कालोनी में बुजुर्गों के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजयोग शिक्षिका और केन्द्र प्रभारी बी.के. शान्ता बहिन ने कहा कि बुजुर्गों के अनुभव सदैव प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने कहा कि जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि, लेकिन अब इसमें यह भी जोड़ देना चाहिए कि जहाँ न पहुँचे कवि, वहाँ पहुँचे अनुभवी। जीवन के अनुभवों की बात किताबों या सोशल मीडिया से कभी नहीं समझी जा सकती। बी.के. शान्ता बहिन ने यह भी कहा कि जैसे श्रीमद्भगवती गीता, रामचरितमानस और ब्रह्माबाबा द्वारा कराया गया ज्ञानामृत जीवन में सुकून और मार्गदर्शन देता है, वैसे ही बुजुर्गों के अनुभव भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक बनते हैं। उन्होंने बुजुर्गों से अपील की कि ए.आई. युग में जी रहे युवाओं से हठधर्मिता छोड़कर शांति पूर्वक अपने अनुभव और विचार साझा करें, चाहे उन्हें तुरंत स्वीकार किया जाए या नहीं। इस अवसर पर सीनियर सिटीजन के सुलह अधिकारी एड. गीता शंकर मिश्र ने बताया कि बहुत कम बुजुर्ग अपने अधिकारों से परिचित हैं और हर मंगलवार को तहसील पर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है। समारोह में नियमित राजयोग और ज्ञानयोग के विद्यार्तियों ने बुजुर्गों को पीतवस्त्र पहनाकर और उपहार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सभी वृद्धजनों ने नवमी के दिन दीप प्रज्ज्वलन भी किया। इस अवसर पर शामिल बुजुर्गों में पूर्व सहायक कोषाधिकारी दाऊदयाल अग्रवाल, पी.एन.बी.के. पूर्व प्रबंधक राकेश अग्रवाल, पूर्व फौजी केशवदेव, भीमसैन, पूर्व शिक्षक यतेन्द्र आर्य, निरंजन लाल, नानकचन्द, भगवानदास, अम्बिका, ममता, राधामाता सहित दर्जनों अन्य बुजुर्ग उपस्थित थे। कार्यक्रम में बी.के. शान्ता बहिन और अन्य बहिनों का भी स्वागत किया गया।














