हाथरस 13 मार्च । हाल ही में रेलवे द्वारा हाथरस सिटी रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण (रेनोवेशन) पूरा कर दिया गया है, लेकिन उद्घाटन में हो रही देरी के कारण यात्रियों को बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से, स्टेशन पर शौचालयों पर ताला लगा हुआ है, जिससे यात्रियों, खासकर महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को अत्यधिक असुविधा हो रही है। रेलवे अधिकारियों से संपर्क करने पर यह जानकारी मिली कि स्टेशन के उद्घाटन की तारीख प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से अभी तक स्वीकृत नहीं हुई है। वहीं, कुछ अधिकारियों का कहना है कि उद्घाटन के लिए स्थानीय सांसद को आमंत्रण भेज दिया गया है, जबकि सांसद का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई आमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है और वे वर्तमान में संसद सत्र में व्यस्त हैं। यह स्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “स्वच्छ भारत मिशन” और “प्रधानमंत्री शौचालय योजना” की भावना के खिलाफ है, जिसका उद्देश्य देशभर में स्वच्छता और सार्वजनिक शौचालयों की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के बावजूद हाथरस सिटी रेलवे स्टेशन पर शौचालय बंद हैं, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है।
स्वापो संस्थान के उपमहामंत्री लव तायल द्वारा इस समस्या को ट्विटर के माध्यम से @PMOIndia और @RailMinIndia को अवगत कराया गया। रेलवे सेवा द्वारा इस मुद्दे को डीआरएम, इज्जतनगर को फॉरवर्ड किया गया, जिसके बाद डीआरएम द्वारा Sr. DEN को समस्या समाधान हेतु निर्देशित किया गया है। सोशल वेलफेयर एंड पीस ऑर्गनाइजेशन (SWAPO) ब्रांच, हाथरस की ओर से मांग की जाती है कि उद्घाटन में हो रही देरी के बावजूद स्टेशन पर शौचालयों को अविलंब खोला जाए ताकि आम जनमानस को राहत मिल सके।
यदि शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो स्वापो इस विषय पर व्यापक जनसुनवाई और आवश्यक कदम उठाने को बाध्य होगा। मांग करने वालों में अध्यक्ष कपिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष दिनेश सरदाना, उपाध्यक्ष मनोज अग्रवाल राया वाले, उपाध्यक्ष रघुनंदन अरोड़ा, कोषाध्यक्ष विष्णु मोहन वार्ष्णेय, महामंत्री उत्कर्ष शर्मा, उपमहामंत्री लव तायल, संरक्षक गोविंद प्रसाद अग्रवाल, श्री किशन अरोड़ा, अशोक अग्रवाल गोराई वाले, सुभाष गर्ग, रवि वार्ष्णेय, डॉ अमित साहनी, मनोज बूटियां,सुनील वर्मन, पंकज अग्रवाल, विकास अरोड़ा, गौरव बंसल, दीपक गुप्ता कोयला वाले, भागवत स्वरूप गर्ग,कपिल अग्रवाल चूना वाले, पीयूष गुरहा, नवीन अग्रवाल, आदि प्रमुख हैं।