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हाथरस 23 सितम्बर । जिला की सासनी तहसील के नगला मिश्रिया नामक ग्राम में पिता श्री खमानी सिंह एवं माता श्रीमती देवी के घर जन्मे इंजीनियर, सुपरिचित साहित्यकार एवं प्रख्यात कुण्डलियाकार त्रिलोक सिंह ठकुरेला की बाल कहानी ‘एकता की ताकत’ महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडल एवं राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद, पुणे (महाराष्ट्र) की पहली कक्षा की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘हिंदी बालभारती (पहली कक्षा)’ में सम्मिलित की गयी है। यह पुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या प्रारूप आधारभूत स्तर-2023 एवं उस पर आधारित राज्य आधारभूत शिक्षण पाठ्यक्रम-2024 को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है। त्रिलोक सिंह ठकुरेला उन साहित्यकारों में से एक हैं, जिन्होंने बच्चों के लिए उत्कृष्ट सृजन किया है। उन्होंने भारतीय भाषाओं के अनेक बाल कहानी संकलनों का सम्पादन किया है, जिनमें हिन्दी बाल कहानियाँ, तमिल बाल कहानियाँ, पंजाबी बाल कहानियाँ, गुजराती बाल कहानियाँ, बज्जिका बाल कहानियाँ, समकालीन बाल कहानियाँ तथा अभिनव बाल कहानियाँ इत्यादि प्रमुख हैं। त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने विभिन्न विधाओं की लगभग दो दर्जन पुस्तकों का सम्पादन किया है । त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की कक्षा-4 की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘वीणा’, केरल सरकार एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, तिरुवनंतपुरम की कक्षा- 5 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘हिंदी कक्षा-V भाग-2’, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस की कक्षा- 3 की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘ऑक्सफ़ोर्ड एडवांटेज हिंदी पाठमाला भाग-2 तथा महाराष्ट्र राज्य की दसवीं कक्षा की हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘हिंदी कुमारभारती’ सहित अनेक पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित की गयी हैं। त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने कुण्डलिया छंद के उन्नयन और पुनर्स्थापना के लिए अद्वितीय कार्य किया है। राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ समय समय पर आकाशवाणी एवं रेडियो मधुवन से प्रसारित होती रही हैं। नया सवेरा, काव्यगंधा, समय की पगडण्डियों पर, आनन्द मंजरी, सात रंग के घोड़े इनकी चर्चित कृतियाँ हैं।

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