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हसायन 22 सितम्बर । नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद विद्यार्थियों के कौशल और वास्तविक क्षमताओं को पहचानने की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए ओएमबी इंटरनेशनल स्कूल ने एक दो दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया।

कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं औपचारिक स्वागत संबोधन के साथ हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को कौशल-आधारित आकलन की अवधारणा से परिचित कराना, पारंपरिक और नई मूल्यांकन पद्धतियों के बीच अंतर समझाना और उन्हें विद्यार्थियों की समझ, विश्लेषण क्षमता, समस्या समाधान और रचनात्मकता को आंकने की तकनीक सिखाना था। जनपद के विभिन्न विद्यालयों से कुल 46 शिक्षकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। प्रथम दिन के मुख्य सत्र का संचालन महर्षि विद्या मंदिर, अलीगढ़ से अनुप्रिया गुप्ता ने किया, जबकि विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री दीपक कुमार सह-रिसोर्स पर्सन के रूप में सत्रों का संचालन करते रहे। दोनों ने इसे इस तरह डिज़ाइन किया कि शिक्षक सक्रिय भागीदारी के माध्यम से स्वयं सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें। श्री दीपक कुमार ने शिक्षकों को समझाया कि केवल लेक्चर पद्धति अपनाने से विद्यार्थियों में कौशल का विकास नहीं होगा। इसके लिए कक्षा में प्रोजेक्ट वर्क, प्रयोगात्मक गतिविधियाँ, केस स्टडी और समूह चर्चा जैसी तकनीकों को अपनाना आवश्यक है। कार्यशाला के समापन अवसर पर विद्यालय के डायरेक्टर श्री सेठ ओम प्रकाश यादव और मैनेजर श्री सुभाष यादव ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल परीक्षा पास कराना नहीं, बल्कि जीवन में सक्षम बनाना है। दूसरे दिन अंतिम सत्र में फीडबैक और समापन समारोह आयोजित किया गया। यह दो दिवसीय कार्यशाला शिक्षकों के लिए नई सोच, व्यावहारिक कौशल और नए दृष्टिकोण सीखने का एक सशक्त माध्यम साबित हुई।

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