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हाथरस 18 सितंबर । पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा द्वारा पुलिस कार्यालय स्थित सभागार कक्ष में कर्मयोगी मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षु आरक्षियों के लिए व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आरक्षियों को कर्तव्यपरायणता, शालीन व्यवहार, जनसंपर्क कौशल, अनुशासन और सेवा भाव से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा कि पुलिस सेवा केवल अपराधियों को पकड़ने या कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और विश्वास का वातावरण स्थापित करना भी पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि आम नागरिक का पहला संपर्क प्रायः आरक्षी स्तर पर होता है, इसलिए प्रशिक्षु आरक्षियों का आचरण और व्यवहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। एसपी हाथरस ने उदाहरण देकर समझाया कि पुलिसकर्मी का सकारात्मक और सहानुभूतिपूर्ण रवैया नागरिकों को पुलिस का सच्चा मित्र बना सकता है, जबकि कठोर भाषा या असंवेदनशीलता जनता और पुलिस के बीच दूरी बढ़ा सकती है।

उन्होंने SMART POLICING की अवधारणा पर भी जोर दिया – S – Sensitive (संवेदनशील), M – Modern (आधुनिक तकनीक का प्रयोग), A – Accountable (जवाबदेह), R – Reliable (विश्वसनीय), T – Transparent (पारदर्शी)।

कार्यशाला के दौरान प्रशिक्षुओं को रोल-प्ले, केस स्टडी और इंटरएक्टिव सेशन्स के माध्यम से यह सिखाया गया कि शिकायत सुनते समय धैर्य बनाए रखें, जनता से संवाद में आक्रामक भाषा का प्रयोग न करें और छोटे-छोटे विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का प्रयोग करें। एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने प्रशिक्षुओं से कहा कि पुलिस सेवा केवल नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्र और समाज की सेवा का संकल्प है। उन्होंने प्रशिक्षु आरक्षियों को शारीरिक फिटनेस, मानसिक संतुलन और नैतिक मूल्यों पर विशेष ध्यान देने की प्रेरणा भी दी। कार्यशाला के अंत में उन्होंने कहा कि एक कर्मयोगी पुलिसकर्मी वही है, जो बिना किसी स्वार्थ और पक्षपात के अपने कर्तव्यों का पालन करे। जनता के प्रति सहानुभूति, संवेदनशीलता और सेवा भाव ही पुलिस की असली पहचान है।

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