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हाथरस 13 सितंबर । मेला श्री दाऊजी महाराज के विशाल पंडाल में आयोजित ऑल इंडिया अदबी मुशायरा इस बार हर वर्ष से अधिक अभूतपूर्व रहा। कार्यक्रम संयोजक चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के लंबे अनुभव और तीन पीढ़ियों से जुड़ी परंपरा ने आयोजन को नई बुलंदियों पर पहुँचाया। मुशायरे की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर कुंवर जावेद ने की, जबकि मंच संचालन नज़र बिजनौर, राहुल शर्मा, आशु कवि अनिल बोहरे, हनीफ संदली और नितिन मिश्र ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में माथुर चतुर्वेदी, अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के मुख्य संरक्षक महेश पाठक, श्री अक्रूर धाम गोपीनाथ फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर वार्ष्णेय समेत प्रशासनिक और सामाजिक हस्तियाँ मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत शायरा अंकिता शुक्ला की वंदना और कवि दीपक रफी की नात से हुई। इसके बाद मंच पर एक से बढ़कर एक शायरों ने अपनी ग़ज़लों, नज़्मों और शेरों से श्रोताओं को बांधे रखा। अल्ताफ जिया (मालेगाँव) ने अपनी गूंजदार शायरी से युवाओं की तालियाँ बटोरीं। आदिल रशीद (दिल्ली) ने पेश किया – “प्यासे के दिल में क्या है ये दरिया न पढ़ सकते…” शशांक प्रभाकर की पंक्तियाँ “डूबकर भी हम उबरना जानते हैं…” पर खूब तालियाँ बजीं। रामेंद्र मोहन त्रिपाठी ने हास्य और व्यंग्य से बुजुर्गों तक में जोश भर दिया। कुंवर जावेद की पंक्तियाँ “बाह रे क्या हिन्दुस्तान है…” ने माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। रात लगभग 3 बजे तक चले इस मुशायरे में श्रोताओं ने जमकर तालियाँ बजाईं और हर शायर की प्रस्तुति का स्वागत किया। कार्यक्रम में कई विभूतियों को स्मृति सम्मान भी प्रदान किए गए, जिनमें राशिद राहत, कुंवर जावेद, रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, डॉ. जगदीश लवानिया, अंकिता शुक्ला, चांदनी पांडे, आदिल रशीद, शशांक प्रभाकर, नौशाद अंगार, देवकरण देव मेघवंशी, राहुल शर्मा, नूरी परवीन, देवेंद्र सारस्वत आदि शामिल रहे। अंत में स्थानीय शायरों ने भी अपनी रचनाओं से समां बाँधा। कार्यक्रम में जिले और आसपास से बड़ी संख्या में श्रोता, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता और अधिकारी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में अतिविशिष्ट अतिथियों का सम्मान

ऑल इंडिया अदबी मुशायरे में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रेम रघु आयुर्वेद हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. पी.पी. सिंह, फोकस अल्ट्रासाउंड सेंटर के निदेशक डॉ. विकास शर्मा, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अजय वार्ष्णेय एवं भगवान सिंह वर्मा का कार्यक्रम संयोजक चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम में जिला पर्यटन अधिकारी बेगम जरीना बानो परिवार सहित, मेला लिपिक शीतल शर्मा, डॉ. मीता कौशल, डॉ. राजीव लोचन उपाध्याय, मदनलाल वार्ष्णेय, सौरभ कोठारी, बीना गुप्ता एडवोकेट, अनिल वार्ष्णेय तेल वाले, डॉ. दिनेश कुमार महेश्वरी, हरिशंकर वर्मा, जीवनलाल शर्मा, सुनील वार्ष्णेय (सोनू भाई), मुकेश कुमार शर्मा, जसवीर सिंह, अजय गॉड, जितेंद्र शर्मा, प्रवीन देव रावत, सभासद अतुल चौधरी, राकेश कुमार, रवि शंकर एडवोकेट, श्रीमती राजकुमारी सीमा वार्ष्णेय, हर्ष वार्ष्णेय, इरफान संदली, मुस्ताक भाई व शैलेंद्र उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।

इसके अतिरिक्त विजय सिंह प्रेमी, डॉ. मदन मोहन गॉड एडवोकेट, पं. अविनाश चंद्र पचौरी, पं. ऋषि कुमार कौशिक, पं. संतोष मुखिया, जयशंकर पाराशर, कवयित्री मीरा दीक्षित, मनु दीक्षित, रूपम कुशवाहा, निखिल भारती पाठक, बृजेश वशिष्ठ, मथुरा प्रसाद, जैनुद्दीन जैन एडवोकेट, आमना बेगम, काजल चौधरी, पं. भोले शंकर, मुन्नालाल शर्मा, चांद खान, पं. अनुज शर्मा, पं. संतोष शर्मा, ओम प्रकाश गुप्ता, अनिल अग्रवाल, कपिल नरूला, संतोष उपाध्याय एवं बाल कवि विष्णु सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

 

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