
हाथरस 11 सितम्बर । समृद्ध उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के अंतर्गत द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में जिले के बी.एल.एस. इंटरनेशनल स्कूल एवं सेठ फूलचंद बागला डिग्री कॉलेज में विचार-विमर्श एवं संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में शासन द्वारा नामित प्रबुद्धजन सेवानिवृत्त आईएएस राधेश्याम मिश्र तथा सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता यूपीपीसीएल देवेंद्र सिंह सहित मुख्य विकास अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण से हुआ। इसके बाद छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर प्रबुद्धजन राधेश्याम मिश्र ने कहा कि विकसित भारत @2047 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल है, जिसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य की बागडोर युवा पीढ़ी के हाथों में है, और शिक्षा, तकनीकी दक्षता, संसाधनों के सदुपयोग से ही 100 वर्षों की स्वतंत्रता के उपरांत भारत और उत्तर प्रदेश के विकास का स्वरूप तय होगा। मिश्र ने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, तकनीकी प्रगति, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान तथा मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए विश्वस्तरीय मानकों पर 2047 तक ‘समृद्ध उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश’ के रूप में स्थापित होगा। वहीं, मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति नामक तीन थीमों पर आधारित 12 प्रमुख सेक्टर (कृषि, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी एवं उभरती प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन) पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षाविदों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे क्यूआर कोड के माध्यम से अपने सुझाव साझा करें ताकि दीर्घकालिक रणनीति बनाकर उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने का संकल्प साकार हो सके। इस अवसर पर सभी उपस्थित जनों ने शपथ ली कि वे गुलामी की मानसिकता को समाप्त करेंगे, देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करेंगे, एकता को सुदृढ़ करेंगे और उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर एवं विकसित राज्य बनाने में सहयोग देंगे। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, यातायात व्यवस्था, पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा देने पर भी विभिन्न सुझाव रखे गए। इस मौके पर जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।













