हाथरस 08 सितम्बर । मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन के पत्र दिनांक 4 सितम्बर 2025 के अनुपालन में विकसित भारत @2047 की अवधारणा को साकार करने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
प्रदेश स्तर पर इस मिशन को दिशा प्रदान करने के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जो 3 थीम – अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति – तथा 12 सेक्टरों (कृषि, पशुधन, औद्योगिक विकास, आईटी एवं उभरती प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन) पर केंद्रित होगा। इसी क्रम में 3 सितम्बर 2025 को लखनऊ में आयोजित कार्यशाला में लगभग 400 प्रबुद्धजनों को नामित किया गया है, जिनमें से हाथरस जिले के लिए 5 प्रबुद्धजन चयनित हुए हैं। ये प्रबुद्धजन अपने-अपने जनपदों में 8 से 13 सितम्बर के बीच प्रवास कर लोगों को विगत 8 वर्षों की विकास यात्रा से अवगत कराएंगे तथा भविष्य की योजनाओं पर सुझाव लेंगे। मुख्य विकास अधिकारी पी.एन. दीक्षित ने बताया कि हाथरस में 10 व 11 सितम्बर 2025 को समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत विभिन्न स्तरों पर संवाद व बैठकें आयोजित होंगी।
पहला दिन – 10 सितम्बर 2025 (कलेक्ट्रेट सभागार)
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सुबह 11 से 1 बजे तक – 12 सेक्टरों के अधिकारी, वरिष्ठ नागरिक व सैनिक कल्याण अधिकारी।
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दोपहर 3 से 5 बजे तक – कृषि एवं संबद्ध विभाग (कृषि, उद्यान, मत्स्य, सिंचाई, पशुपालन व डेयरी)।
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शाम 5 से 7 बजे तक – औद्योगिक विकास, आईटी, उभरती प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास विभाग।
दूसरा दिन – 11 सितम्बर 2025
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सुबह 10 से 11:30 बजे तक – बीएलएस इंटर कॉलेज, अलीगढ़ रोड हाथरस (छात्र/शिक्षक/शिक्षाविद)।
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सुबह 11:30 से 1:30 बजे तक – बागला डिग्री कॉलेज, हाथरस (छात्र/शिक्षक/शिक्षाविद)।
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दोपहर 3 से 5 बजे तक – संतुलित विकास विषय पर वन विभाग, प्रदूषण विभाग व भूगर्भ जल विभाग के साथ बैठक।
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शाम 5 से 7 बजे तक – सुरक्षा एवं सुशासन विषय पर पुलिस विभाग, महिला प्रकोष्ठ, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन, पिछड़ा वर्ग, प्रोबेशन तथा बाल विकास पुष्टाहार विभाग के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा।
इस दौरान प्रबुद्धजन विभागीय अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन, समस्याओं व सुझावों पर विचार-विमर्श करेंगे। अभियान का उद्देश्य प्रदेश के विकास रोडमैप को और सुदृढ़ करना तथा जनता की अपेक्षाओं को विजन डॉक्यूमेंट में सम्मिलित करना है।