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हाथरस 05 सितंबर । हाथरस में किला गेट पर 114वां द्वितीय प्रांतीय लक्खी मेला श्री दाऊजी महाराज का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर जिले के इतिहास में पहली बार प्रसिद्ध बॉलीवुड पार्श्व गायक शब्बीर कुमार अपनी प्रस्तुति देंगे। यह विशाल सांस्कृतिक संध्या कल शनिवार 6 सितम्बर की शाम 7 बजे से मेला पंडाल श्री दाऊजी महाराज परिसर में आयोजित की जाएगी। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है। कार्यक्रम की निगरानी जिलाधिकारी राहुल पांडेय (IAS) कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्थाओं का दायित्व पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा (IPS) संभाल रहे हैं। वहीं, अपर जिलाधिकारी न्यायिक प्रकाश चन्द्र (PCS) और पर जिलाधिकारी वित्त बसंत कुमार अग्रवाल (IAS) इस आयोजन के संयोजन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

कार्यक्रम के संबंध में राजबहादुर सिंह, उप जिलाधिकारी (सदर/मेला अधिकारी) ने बताया कि यह आयोजन जिले की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाई देगा और श्रद्धालु एवं दर्शक इसमें बड़ी संख्या में भाग लेंगे। साथ ही उन्होंने आमजन से अपील की है कि समय से कार्यक्रम स्थल पर पहुँचें, अनुशासन बनाए रखें और इस भव्य आयोजन का आनंद लें।

कौन हैं शब्बीर कुमार

शब्बीर कुमार 80–90 के दशक में हिंदी फिल्म संगीत जगत के सबसे लोकप्रिय पार्श्व गायकों में गिने जाते हैं। उन्हें पहली पहचान मिली फिल्म प्रेम तपस्या (1983) के गीत “शाम है ये कुछ खोयी खोयी” से, जिसे उन्होंने लता मंगेशकर के साथ गाया। उसी साल अनु मलिक ने उन्हें एक जान हैं हम में गाने का मौका दिया और फिल्म बेताब (1983) ने उन्हें सुपरहिट गायक के रूप में स्थापित कर दिया। इसके बाद कुली (1983) में लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल ने उनके गाए सात गानों से उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुँचा दी।उन्होंने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, दिलीप कुमार, मिथुन चक्रवर्ती, ऋषि कपूर, अनिल कपूर, गोविंदा, सनी देओल जैसे बड़े अभिनेताओं के लिए हजारों गीत गाए। 6,000 से अधिक गाने और 1,500 से ज्यादा फिल्मों में उनका योगदान दर्ज है। उन्हें 34 गोल्ड डिस्क, 16 प्लेटिनम डिस्क, मोहम्मद रफ़ी पुरस्कार, कला रत्न पुरस्कार समेत कई सम्मान मिल चुके हैं। उन्होंने भारत के अलावा दुबई, यूरोप, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में लाइव कॉन्सर्ट भी किए हैं। उनके चर्चित गानों में “गोरी है कलाइयां” (आज का अर्जुन, 1990) और “सोचना क्या” (घायल, 1990) अब तक श्रोताओं के बीच लोकप्रिय हैं।

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