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लखनऊ 03 सितंबर । राजधानी और आसपास के इलाकों में लगे पोस्टपेड स्मार्ट मीटर की जांच के लिए उपभोक्ताओं को भारी-भरकम रकम चुकानी पड़ रही है। जबकि हकीकत यह है कि निगम ने इसकी फीस सिर्फ 50 रुपये तय कर रखी है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने पहले से ही सभी प्रकार के मीटरों की जांच शुल्क निर्धारित किए हैं। इसके बावजूद अफसर उपभोक्ताओं से 350 से 2000 रुपये तक वसूली कर रहे हैं।

तय शुल्क इस प्रकार हैं

  • पोस्टपेड मीटर (सिंगल/थ्री फेज) – 50 रुपये
  • स्मार्ट प्रीपेड मीटर – 175 रुपये
  • नेट मीटर/स्पेशल मीटर – 400 रुपये
  • मैक्सिमम डिमांड इंडिकेटर – 350 रुपये
  • ट्राई विक्टर मीटर – 1000 रुपये

जांच की प्रक्रिया

लखनऊ सेंट्रल जोन के मुख्य अभियंता रवि कुमार अग्रवाल के अनुसार, यदि उपभोक्ता को शक है कि उसका मीटर तेज चल रहा है, तो वह उपखंड अधिकारी कार्यालय में प्रार्थनापत्र देकर चेक मीटर लगवा सकता है। इसके लिए बकाया बिल का कम से कम 50% भुगतान अनिवार्य है। वहीं गोमतीनगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग का कहना है कि चेक मीटर की जरूरत भी नहीं है। एक्वा चेक मशीन से महज 5 मिनट में मीटर की सटीक रिपोर्ट सामने आ जाती है।

नोट: निगम ने साफ किया है कि मीटर की जांच कराने का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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