हाथरस 25 अगस्त । ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा को पुनः प्रारंभ करने की मांग अब धीरे-धीरे एक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप ले रही है। इसी कड़ी में हाथुरसी स्थित ब्रज देहरी मानी जाने वाली हाथुरसी मैय्या मंदिर में एक विशेष पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बांसुरी वादक डॉ. मुरारी लाल अग्रवाल की मधुर धुन के बीच प्रसिद्ध कवयित्री उन्नति भारद्वाज और लोकप्रिय गायिका प्राची दीक्षित ने श्रद्धा के साथ पूजन कर आध्यात्मिक वातावरण को भक्तिमय बना दिया। पूजन में पुजारी गिरि परिवार से प्रेम गुरु, जितेन्द्र, गोपाल व पुष्पा जी का विशेष सहयोग रहा। इस आयोजन के माध्यम से आशुकवि अनिल बौहरे ने घोषणा की कि अगले वर्ष बृजहद बरहद से ब्रज परिक्रमा पुनः प्रारंभ कर हाथुरसी को उसका ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व दिलाया जाएगा। ब्रज परिक्रमा के ऐतिहासिक पहलुओं को सामने लाते हुए बताया गया कि भगवान शिव ने श्रीकृष्ण जन्म के पश्चात माता पार्वती को विश्राम हेतु जिस स्थान पर छोड़ा था, वही स्थान आज का हाथुरसी मैय्या मंदिर है। इसी कारण इसे ब्रज की देहरी माना जाता है।
इस संकल्प दिवस में देशभर से अनेक साहित्यकार, भक्त और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए। इस अवसर पर अगले बर्ष की 84 कोस यात्रा को सफल बनाने हेतु महत्वपूर्ण संकल्प दिवस पर बदांयू से विनीत उषा शर्मा, ग्वालियर से पूजा शरद भारद्वाज, भरतपुर से मनोज बबली शर्मा, गाजियाबाद से रेखा, पंकज शर्मा, खेरागढ से सुरेन्द्र, रेनू लवानिया, गुड़गांव से सुनील राधा शर्मा,कोसी से रमा सतीश पारासर, आगरा से रेखा वीरेश शर्मा,एटा से प्रीति डिबलिन गोपाल पाठक रवि सीमा बार्ष्णेय, अलीगढ़ से रीना उपाध्याय, राधा,कनक, प्रमोद बार्ष्णेय,कुंवर पाल उपाध्याय भंवर,, मथुरा से मफतलाल अग्रबाल आदि अनेकों भक्तगणों के अलावा हाथरस से प्रभु दयाल दीक्षित प्रभू, चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, चन्द्रशेखर विमल, नीलेश बार्ष्णेय, ठाकुर वीर पाल, योगाचार्य रूप राम शर्मा, दीपक रफी, जीवन लाल शर्मा आदि ने इस लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा करने को सहयोग का आश्वासन किया। कार्यक्रम का संचालन अतुल आंधीबाल ने किया, अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष सुकवि गयाप्रसाद मौर्य ने की और आभार मंत्री मोहित सक्सेना ने प्रकट किया।