हाथरस 14 अगस्त । विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सासंद अनूप प्रधान वाल्मीकि, भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी, सासंद प्रतिनिधि राजेश उर्फ गुड्डू, जिलाध्यक्ष रवि सारस्वत, जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय तथा पुलिस अधीक्षक चिरंजीवनाथ सिन्हा सहित अन्य उपस्थित अधिकारियों-कर्मचारियों ने विभाजन विभीषिका के दौरान विस्थापित हुए व्यक्तियों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के तत्वाधान में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने हर घर तिरंगा अभियान के तहत सेल्फी पाइंट पर सेल्फी ली, विभाजन विभीषिका पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। तत्पश्चात् कलेक्ट्रेट सभागार में उपस्थित जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों का स्वागत बुके भेंट कर किया गया। इसी क्रम में विभाजन विभीषिका के दौरान विस्थापित हुए व्यक्तियों के उपस्थित परिजनों समुन्दरलाल अरोड़ा, सेवाराम मलिक, नारायनदास चौपड़ा, बल्देव सखूजा, कीमतराय अरोड़ा, अमीर चंद, बृजमोहन मलिक, नरेन्द्र ग्रोवर, सरदार हरदेव सिंह, वेंभ अरोड़ा तथा हरीश आहूजा को जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने शॉल ओढ़ाकर एवं बुके भेंट कर सम्मानित किया।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में, वर्ष 1947 के भारत-विभाजन के दौरान अपने मूल स्थानों से विस्थापित हुए व्यक्तियों के परिवारीजनों ने अपने और अपने परिवार द्वारा झेली गई पीड़ाओं, कठिन परिस्थितियों एवं संघर्षपूर्ण अनुभवों के साथ ही उस समय के भयावह हालात, पारिवारिक बिछड़न, आजीविका के साधनों के नुकसान तथा नए परिवेश में पुनः जीवन प्रारंभ करने की चुनौतियों एवं अनुभवों को भावुक शब्दों में साझा किया। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जिसे उपस्थित लोगों ने देखा और सुना।
सासंद अनूप प्रधान वाल्मीकि ने कहा कि विभाजन विभीषिका के दौरान वि
स्थापित हुए परिवारों ने जो कष्ट और पीड़ा सही, वह अत्यंत मार्मिक एवं हृदयविदारक है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को आज़ादी मिली, किंतु अंग्रेजों ने 250 वर्षों तक शासन करने के बाद धर्म के आधार पर देश का विभाजन कर दिया। इस विभाजन के कारण अनेक लोगों को अपने घर, परिवार और व्यवसाय छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा। जो अपने आप में बहुत ही मार्मिक घटना है। प्रधानमंत्री द्वारा इस पर विचार किया गया और विभाजन में विस्थापित लोगों के स्मरण हेतु 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाने की पहल की गई। उन्होंने कहा कि विभाजन के दौरान लगभग डेढ़ लाख परिवार विस्थापित हुए। इस मौके पर उन्होंने उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दी।
भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी ने कहा कि आज विभाजन के दौरान विस्थापित लोगों के स्मरण करने का दिन है। प्रधानमंत्री द्वारा इसकी शुरूआत की गई। उन्होंने कहा कि 1947 का देश विभाजन दुर्भाग्यपूर्ण एक जमीनी सच्चाई है, उन्होनें कहा कि किसी के स्मरण करने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि हम अपने इतिहास के बारे में जाने तथा इतिहास से सीखते रहे और गलतियों को न दोहराएं। यही हमारे लिए उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
अंत में जिलाधिकारी राहुल पाण्डेय ने कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति एवं विभाजन विभीषिका के दौरान विस्थापित व्यक्तियों के उपस्थित परिजनों के अनुभव साझा करने के साथ ही प्राप्त हुए मार्गदर्शन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन चतुर सिंह और मोनिका गौतम द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0, परियोजना निदेशक, प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट, उप निदेशक कृषि, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला क्रीड़ा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, उपायुक्त उद्योग, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी, अपर जिला पंचायतराज अधिकारी, मा0 जनप्रतिनिधिगण, कलेक्ट्रेट/विकास भवन के अधिकारी/कर्मचारी, पत्रकार बंधु आदि उपस्थित रहे।