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हाथरस 11 अगस्त । जिला कृषि रक्षा अधिकारी निखिल देव तिवारी ने जनपद में कीट/रोग सर्वेक्षण किया, जिसमें धान की फसल में बकानी, झंडा और फुट रोट रोग के लक्षण कुछ स्थानों पर पाए गए। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बकानी रोग बासमती धान में जिब्रैला फुजिकोराई (फ्यूजेरियम मोनिलिफोरमी) नामक फंगस से फैलता है, जो पौधों की जड़ों को सड़ा देता है। इसका मुख्य कारण रोगग्रस्त बीज होते हैं, जो बीज और मिट्टी के माध्यम से नए क्षेत्रों में रोग फैला देते हैं। यह रोग नर्सरी और रोपित पौधों में अधिक होता है और प्रभावित पौधों की वृद्धि सामान्य से अधिक हो जाती है।

रोकथाम के उपाय

  • रोगमुक्त एवं स्वस्थ बीज का प्रयोग करें।
  • नाइट्रोजन (यूरिया) का अत्यधिक प्रयोग न करें।

खड़ी फसल में निम्न में से किसी एक का छिड़काव करें:

  • प्रोपीकोनाजोल 25% @ 0.750–1 लीटर
  • कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP @ 0.750–1 किलो
  • थायोफिनेट मिथाइल 70% WP @ 1 किलो + स्ट्रेप्टोमाइसिन 50 ग्राम + ट्राइकोडर्मा हरजिनियम 5 किलो
  • फिप्रोनिल 40% + इमीडाक्लोप्रिड 40% @ 600–700 मि.ली.

उपरोक्त दवाओं को 150–200 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे समय रहते रोग की पहचान कर नियंत्रण के उपाय अपनाएं, ताकि फसल की उपज पर असर न पड़े।

 

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