सिकंदराराऊ (हसायन) 08 अगस्त । रक्षाबंधन के पर्व की पूर्व संध्या पर जिले के विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सामाजिक-आध्यात्मिक संगठनों में हर्षोल्लास और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर बहनों ने रक्षा सूत्र बांधकर भाई-बहन के पवित्र बंधन को और मजबूत किया, वहीं सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
वैदिक सनातन धर्म में रक्षा बंधन भाई बहन के प्रेम के अटूट विश्वास का बंधन का पर्व
अश्वनी मैमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैशाेंपुर में रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर वैदिक सनातन धर्म के तत्वावधान में रक्षाबंधन के पर्व के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।रक्षाबंधन के पर्व की पूर्व संध्या पर छात्रा बहनों के द्वारा विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे अपने परिवार के छात्र भाईयो के मस्तिष्क पर रोली चंदन से तिलक कर रेशम की डोर स्वरूप राखी कलाई पर बांधकर मिष्ठान वितरित किया।छात्रा बहनों ने अपने छात्र भाईयो से रक्षा बचन भी लिया।इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक आशुतोष चौहान ने कहा कि भारत देश में प्राचीन पुरातन समय से ही वैदिक सनातन धर्म की संस्कृति में रक्षा सूत्र का अपना विशेष महत्तव है।रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम विश्वास का प्रतीक है।
छात्राओं ने रक्षाबंधन पर आयोजित मेंहदी प्रतियोगिता में हाथ पर रचाया भाई बहन के प्रेम विश्वास का प्रतीक
अश्वनी मैमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कैशोंपुर में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को ग्राम पंचायत के द्वारा मेहंदी व राखी बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया।मेंहदी प्रतियोगिता में छात्राओ ने मेंहदी से अपने दोनों हाथों पर भाई बहन के प्रेम की आकृति उकेरकर प्रतिभा का प्रदर्शन किया।मेंहदी प्रतियोगिता में कक्षा नौ की छात्रा आरती प्रथम,निशा द्वितीय,शिखा दिवाकर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।राखी मेकिंग प्रतियोगिता में काजल प्रथम,प्रिया द्वितीय, शिखा ने तृतीय स्थान प्राप्त कर प्रतिभा का प्रदर्शन किया।कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंंध समिति के अध्यक्ष डॉ.किशन स्वरुप शर्मा ने छात्राओं को पुरुस्कार भेंट कर इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।कार्यक्रम में राम भरोसेलाल दिवाकर,लखपति सिंह रावल, अभिषेक यादव,आशुतोष चौहान,वर्षा निगम,राधा चौहान,नेहा सेंगर,सुष्मिता सेंगर,नेहा गौतम,शिखा सेंगर,वर्षा,रेखा,मंजू उपस्थित रहे।

राखी मेंकिंग प्रतियोगिता में प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ क्लास के छात्रों ने किया प्रतिभाग
ओएमबी इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को रक्षाबंधन के पर्व की पूर्व संध्या पर रक्षाबंधन के पर्व को पारंपरिक उल्लास, सांस्कृतिक भावना और शैक्षिक उद्देश्य से मनाया गया।इस अवसर पर विद्यालय ने एक विशेष और बहुपर्याप्त “राखी मेकिंग प्रतियोगिता” का आयोजन किया,जिसमें प्राथमिक कक्षाओं से लेकर वरिष्ठ वर्ग तक के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा को मंच देना था, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, परंपराओं और पारिवारिक मूल्यों से जोड़ना भी था।छात्राओं ने भाइयों के रूप में तैयार छोटे बच्चों की कलाई पर राखी बाँधी और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। विद्यालय परिसर भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और संस्कारों से सराबोर नजर आया। रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भावनाओं का उत्सव है, जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र, सफलता और सुरक्षा की कामना करती है, और भाई आजीवन उसकी रक्षा का वचन देता है। इसी भाव को ध्यान में रखते हुए विद्यालय ने इस दिन को और भी विशेष बनाने के लिए कक्षा-स्तर पर राखी निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया।प्रतियोगिता में कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया। सभी कक्षाओं को तीन मुख्य समूहों में विभाजित किया गया।हर वर्ग के छात्रों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपनी स्वयं की राखी तैयार करनी थी। छात्रों ने अत्यंत उत्साह और लगन के साथ अपनी कल्पनाशीलता को रंगों, मोतियों, सितारों, रेशमी धागों, रिबनों, मखमली कपड़ों, बटन, और पर्यावरण-संवेदनशील सामग्रियों के साथ साकार किया।इस वर्ष प्रतियोगिता की थीम ईको फ्रैंडली राखी रखी गई, ताकि छात्र प्राकृतिक और पुनः प्रयोग योग्य वस्तुओं का अधिकतम उपयोग कर सकें। नारियल की जटा, पेपर स्ट्रॉ, सूती धागे, पत्तियाँ, दालें, रंगीन कागज़, लकड़ी के मोती जैसी चीज़ों से बनीं राखियाँ न केवल खूबसूरत रहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देती नज़र आईं।प्रतियोगिता के संचालन और समन्वयन में विद्यालय के सभी शिक्षकों ने अत्यंत सराहनीय भूमिका निभाई। उन्होंने प्रत्येक कक्षा के बच्चों को विषय की गहराई समझाने, सामग्री एकत्र करने में सहयोग करने, और समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा कराने में सक्रिय सहभागिता निभाई।कक्षा शिक्षक, कला शिक्षक, और सांस्कृतिक गतिविधि प्रभारी ने मिलकर इस प्रतियोगिता को अत्यंत सुव्यवस्थित रूप से संचालित किया।प्रत्येक गतिविधि में सृजनात्मकता,साफ-सफाई,समय-प्रबंधन और सामूहिक सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया गया।प्रतियोगिता के समापन के पश्चात् विद्यालय की कला समिति एवं निर्णायक मंडल ने सभी राखियों का मूल्यांकन किया।कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य दीपक सेंगर ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा हमारा उद्देश्य केवल राखी बनवाना नहीं था,बल्कि बच्चों को यह सिखाना था कि त्योहार केवल रस्में नहीं,बल्कि भावनाओं का माध्यम होते हैं।भारतीय संस्कृति की नींव इन्हीं रिश्तों में छुपी है।”विद्यालय के इस आयोजन की चर्चा न केवल छात्रों में बल्कि अभिभावकों के बीच भी रही।कई अभिभावकों ने विद्यालय की पहल की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को इतनी छोटी उम्र में सृजनात्मक स्वतंत्रता,परंपराओं से जुड़ाव और सांस्कृतिक जागरूकता देना वास्तव में प्रेरणादायक है।स्कूल सदैव यह प्रयास करता है कि शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहे, बल्कि छात्रों के व्यक्तित्व विकास, संवेदनशीलता और रचनात्मकता को भी सशक्त करें।रक्षाबंधन पर आयोजित यह आयोजन उसी सोच की एक बेमिसाल झलक थी।
