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सिकंदराराऊ (हसायन) 28 जुलाई । विकासखंड क्षेत्र के गांव कानऊ में बीते दस दिनों से जलभराव की गंभीर समस्या के चलते किसानों की लगभग 500 बीघा धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। यह स्थिति गांव के नजदीकी कमसारा जलाशय से निकलने वाले नाले के ओवरफ्लो होने से उत्पन्न हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया और फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई। ग्रामीण किसानों का कहना है कि नाले की नियमित सफाई न होने के कारण जल निकासी अवरुद्ध हो गई, जिससे यह संकट उत्पन्न हुआ। किसानों के अनुसार, चार माह पूर्व नाले की सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई थी और सफाई का बजट भी निकाल लिया गया, जबकि वास्तविकता में नाले की हालत जस की तस बनी रही।

अधिकारियों का निरीक्षण, लेकिन समाधान नहीं

जलभराव की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने राजस्व विभाग के हल्का लेखपाल को फसल क्षति का आकलन करने भेजा। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सतेन्द्र कुमार सिंह, सहायक अभियंता सुनील मेहता और उपखंड अधिकारी रज्जनलाल ने भी मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। हालांकि किसानों ने इन निरीक्षणों को “सिर्फ खानापूर्ति” बताते हुए नाराजगी जाहिर की और कहा कि अब तक नाले की सफाई की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

किसानों ने उठाया स्वप्रयास का बीड़ा

समस्या से त्रस्त होकर किसानों ने खुद चंदा एकत्र कर जलकुंभी और घास-पात नष्ट करने वाली दवा का छिड़काव शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग के द्वारा चार माह पूर्व की गई सफाई का कोई प्रमाण नहीं है। अगर सफाई हुई होती, तो नाला अवरुद्ध नहीं होता और फसल नष्ट होने से बच सकती थी। सोमवार को निरीक्षण के दौरान किसानों का गुस्सा सहायक अभियंता रज्जनलाल पर फूट पड़ा। इसके बाद आनन-फानन में विभागीय ठेकेदार के माध्यम से दो मजदूरों को नाले की सफाई में लगाया गया।

गांव के प्रधान और पंचायत से भी उम्मीद अधूरी

ग्राम पंचायत के जिम्मे लोकल नाले की सफाई का कार्य छोड़ा गया है, लेकिन प्रधान द्वारा बुलाए गए सफाईकर्मी घास, गंदगी और जलकुंभी की भयावह स्थिति देखकर वापस लौट गए, और नाले की सफाई करने से मना कर दिया। इससे किसानों में और अधिक आक्रोश व्याप्त हो गया है।

किसानों की मांग

ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए। नाले की तत्काल और पूरी सफाई कराई जाए। बर्बाद हुई फसल के लिए मुआवजा दिया जाए। पूर्व में हुए कथित सफाई कार्यों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो।

 

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