मथुरा 26 जुलाई । मेडिकल छात्र-छात्राओं की रचनात्मकता, ज्ञान और शोध क्षमताओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से के.डी. मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के पैथोलॉजी विभाग द्वारा इंटर कॉलेज पैथ-आर्टः 2.0 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ‘टूल बॉक्स ऑफ पैथोलॉजी’ विषय पर आयोजित पोस्टर प्रजेंटेशन प्रतियोगिता में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों की कुल 27 टीमों के छात्र-छात्राओं ने अपने बौद्धिक कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती तथा दादी मां कांती देवी के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।
पैथ-आर्टः 2.0 प्रतियोगिता मुख्य अतिथि डॉ. अंजली खरे विभागाध्यक्ष सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ एवं प्रेसीडेंट यूपी चैप्टर इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एण्ड माइक्रोबायलॉजी) एवं डॉ. हरेन्द्र कुमार प्रोफेसर एस.एन. मेडिकल कॉलेज आगरा एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एण्ड माइक्रोबायलॉजी की गरिमामयी उपस्थिति तथा देखरेख में हुई। इस अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने पैथोलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए अन्य विभागाध्यक्षों से भी इस तरह के आयोजन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पैथोलॉजी में टूल बॉक्स एक व्यापक शब्द है जो विभिन्न प्रकार के नैदानिक, चिकित्सा और शोध उपकरणों, विधियों तथा तकनीकों को संदर्भित करता है, जिनका उपयोग रोगों का निदान करने, उपचार योजना बनाने तथा रोगी की देखभाल में सुधार करने के लिए किया जाता है। डॉ. अशोका ने कहा कि मरीज के शरीर के किस अंग में समस्या है या सही कार्य नहीं कर रहा, इसके लिए प्रत्येक मेडिकल विद्यार्थी को पैथोलॉजी का ज्ञान होना जरूरी है।
मुख्य अतिथि डॉ. अंजली खरे ने अपने सम्बोधन में कहा कि पैथोलॉजी चिकित्सा उपचार की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि शरीर की संरचना और उसकी कार्यविधि की जानकारी होना प्रत्येक मेडिकल विद्यार्थी के लिए अति आवश्यक है क्योंकि डॉक्टर का काम ही उचित निदान पर निर्भर होता है। पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रणीता जसवंत सिंह ने अपने स्वागत भाषण में सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए पैथ-आर्टः 2.0 प्रतिस्पर्धा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पैथ-आर्टः 2.0 पोस्टर प्रतियोगिता का उद्देश्य भावी चिकित्सकों को पैथोलॉजी की गूढ़ बातों से रूबरू कराना है ताकि वह चिकित्सा उपचार में महारत हासिल कर समाज को निरोगी रखने में अपना योगदान दे सकें।
इंटर कॉलेज पैथ-आर्टः 2.0 प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने शरीर के आंतरिक हिस्सों में फैलने वाले विभिन्न रोगों की जांच में प्रयोग होने वाली तकनीकों व यंत्रों को अपनी बौद्धिक कल्पना के रंगों के माध्यम से प्रदर्शित किया। छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार पोस्टर जटिल रोग सम्बन्धी अवधारणाओं की उनकी समझ को दर्शाते दिखे। बरेली, सैफई हापुड़, मथुरा, ग्रेटर नोएडा आदि से आए प्रतिभागी मेडिकल छात्र-छात्राओं का के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के सभी विभागाध्यक्षों ने करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया।
अंत में निर्णायकों चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. अंजली खरे, डॉ. हरेन्द्र कुमार, डॉ. शुभांगी गुप्ता, डॉ. मंजू पाण्डेय, डॉ. वी.पी. पाण्डेय तथा डॉ. प्रणीता सिंह आदि ने सभी ग्रुप प्रतिस्पर्धियों के पोस्टरों को देखने के बाद उनसे कुछ प्रश्न भी पूछे, उसके बाद विजेता-उपविजेता टीमों की घोषणा की गई। निर्णायकों ने सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हापुड़ की टीम को विजेता, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर मथुरा तथा राजश्री मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एण्ड हॉस्पिटल बरेली को संयुक्त रूप से उप-विजेता घोषित किया। इसी तरह के.डी. मेडिकल कॉलेज की दो टीमों को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला। निर्णायकों ने एस.के.एस. मथुरा तथा के.डी.एम.सी. मथुरा को सांत्वना पुरस्कार से नवाजने का फैसला लिया। अतिथियों ने विजेता तथा उपविजेता छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र तथा ट्रॉफी प्रदान कर पुरस्कृत किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल ने पैथोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता की सराहना करते हुए विजेता छात्र-छात्राओं के साथ ही सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को अपने रचनात्मक कौशल का उपयोग कर जटिल अवधारणाओं को समझने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने ऐसे शैक्षिक कार्यक्रमों को एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के लिए उपयोगी बताया। के.डी. मेडिकल कॉलेज में हुई पैथ-आर्टः 2.0 प्रतिस्पर्धा की सफलता में आयोजन सचिव डॉ. संगीता सिंह, संयुक्त सचिव डॉ. अम्बरीश कुमार, डॉ. योगिता सिंह, डॉ. सोनम बिलावारिया, डॉ. निखिल मेहरोत्रा, डॉ. शुभम सोलंकी आदि का अहम योगदान रहा। अंत में आयोजन समिति की सचिव डॉ. संगीता सिंह ने सभी का आभार माना।