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बालटाल/जम्मू 02 जुलाई । बर्फीली वादियों और हिमालय की ऊँचाईयों के बीच स्थित भगवान शिव की पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु बालटाल बेस कैंप में पहुंचने लगे हैं। बुधवार को श्री अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था बालटाल पहुँचा, जहाँ शिवभक्ति के जयकारों से समूचा वातावरण गूंज उठा। हालांकि यात्रा की औपचारिक शुरुआत गुरुवार (3 जुलाई) से होगी, लेकिन उससे पहले ही बालटाल में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। ‘बम बम भोले’ और ‘जय बाबा बर्फानी’ के गगनभेदी नारों से बेस कैंप शिवमय हो चुका है।

भक्तों के चेहरों पर श्रद्धा की चमक और आत्मिक शांति का भाव साफ झलकता है। नेपाल के 75 वर्षीय फाल्गुनगी, जो जगतपुर धाम से चलकर जम्मू पहुंचे हैं, कहते हैं, “अभी से रोमांच हो रहा है, गुफा के दर्शन की कल्पना मात्र से मन भावविभोर है।” श्रद्धालु पर्वतों की ठंडी हवाओं, कठिन चढ़ाई और मौसम की चुनौतियों की चिंता किए बिना केवल अपने आराध्य की भक्ति में लीन हैं। उनके उत्साह को देखकर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि यह यात्रा केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और विश्वास की पराकाष्ठा है। बालटाल मार्ग से गुरुवार को श्रद्धालु चढ़ाई शुरू करेंगे, और पवित्र गुफा तक पहुंचकर हिमलिंग के दर्शन करेंगे। अमरनाथ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह लंगर, रात्रि विश्राम और चिकित्सा की व्यवस्थाएं की गई हैं। स्थानीय लोगों व स्वयंसेवी संगठनों ने श्रद्धालुओं के स्वागत में पलक पांवड़े बिछा रखे हैं। पूरे कश्मीर क्षेत्र में अमरनाथ यात्रा की आस्था का उल्लास व्याप्त है। घाटी शिवभक्ति के इंद्रधनुषी रंगों में रंगी नजर आ रही है। चाहे लद्दाख की ठंडी हवाएं हों या पहाड़ी रास्तों की दुश्वारियां—कुछ भी इन भक्तों की आस्था को डिगा नहीं सकता। बाबा बर्फानी के भक्तों की यह टोली केवल यात्रा पर नहीं, बल्कि अपने जीवन के आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर अग्रसर है। यही वह शक्ति है, जो इस कठिन यात्रा को भी आनंद में बदल देती है।

 

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