हाथरस 02 जुलाई । जिला कृषि रक्षा अधिकारी निखिल देव तिवारी ने अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बीते कुछ वर्षों से लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस जैसी गंभीर बीमारियों के मामले सामने आए हैं। इन बीमारियों के नियंत्रण एवं जनजागरूकता हेतु जिले में विशेष संचारी रोग नियंत्रण जागरूकता अभियान का द्वितीय चरण 1 जुलाई 2025 से 31 जुलाई 2025 तक संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा जन सहभागिता और क्षेत्रीय कर्मचारियों के सहयोग से ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। चूहे और छछूंदर (रोडेन्ट्स) जहां फसलों को 10-15% तक नुकसान पहुंचाते हैं, वहीं मानव जीवन के लिए भी प्लेग, स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस जैसे गंभीर रोगों का कारण बनते हैं।
चूहों से सुरक्षा के लिए अपनाएं ये उपाय
- चूहा बिलों की सफाई, झाड़ियों की छंटाई एवं नियमित निरीक्षण करें।
- चूहेदानी में रोटी, बिस्कुट जैसे चारे रखकर उन्हें पकड़ा जा सकता है।
- ब्रोमोडियोलान (0.005%) चारे की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक बिल में रखने से चूहे मर जाते हैं।
- एल्युमिनियम फास्फाइड (3-4 ग्राम) बिल में डालकर उसे बंद करने से गैस उत्पन्न होती है, जिससे चूहे मर जाते हैं।
छह दिवसीय चूहा नियंत्रण कार्ययोजना
दिन | कार्य |
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पहला दिन | आवासीय क्षेत्रों में चूहों के बिल चिन्हित करें और उन्हें बंद करें। |
दूसरा दिन | जिन बिलों को बंद किया था, उनमें चिन्ह मिटाएं और खुले बिलों में बिना ज़हर का चारा रखें। |
तीसरा दिन | पुनः बिना ज़हर का चारा रखें। |
चौथा दिन | ज़िंक फास्फाइड मिश्रित ज़हरीला चारा बिल में रखें। |
पांचवां दिन | मरे हुए चूहों को एकत्र करें और ज़मीन में गाड़ें। |
छठा दिन | सभी बिल पुनः बंद करें और आवश्यकता पड़ने पर यह योजना दोहराएं। |
सावधानियां
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खाद्य व पेय पदार्थ ढककर रखें।
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रसायनों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
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मरे हुए चूहों को खुले में न फेंकें, उन्हें मिट्टी में दबा दें।
मच्छरों से बचाव के लिए सुझाव
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जमा हुए पानी को हटाएं, नहरों-तलाबों की सफाई करें।
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घरों के आसपास लगाएं मच्छर रोधी पौधे जैसे गेंदा, नीम, तुलसी, लैवेंडर, सिट्रोनेला ग्रास, रोजमेरी, लेमन ग्रास आदि।
जिला कृषि रक्षा विभाग ने किसानों एवं ग्रामीण जनमानस से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अपने घरों व खेतों को चूहों व मच्छरों से सुरक्षित रखें ताकि गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सके।