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हाथरस 22 जून । रक्त का संचार ही जीवन का आधार है, और जब यही रक्त समय पर उपलब्ध न हो, तो जीवन की डोर टूटने लगती है। लेकिन हाथरस में एक बार फिर मानवता ने विजय पाई, जब एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स (ADHR) की पहल से एक महिला की जान बच सकी। शनिवार को एक महिला को डिलीवरी के दौरान अत्यंत दुर्लभ रक्त समूह एबी-नेगेटिव की आवश्यकता पड़ी। परिजन रक्त की व्यवस्था में इधर-उधर भटक रहे थे, लेकिन इस रेयर ग्रुप का रक्त मिलना मुश्किल हो रहा था। तभी राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय को सूचना दी गई, और उन्होंने तुरंत प्रयास शुरू कर दिए। इस मुश्किल घड़ी में रक्तदाता श्याम सुंदर शर्मा (बंटी भईया) देवदूत बनकर सामने आए। उस दिन योगिनी एकादशी का व्रत होने के बावजूद, उन्होंने बिना विलंब किए ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया।

बंटी भईया ने भावुक होकर कहा, “ADHR के माध्यम से हमें भी ईश्वरीय कार्य करने का सौभाग्य मिलता है। आज जैसे पवित्र दिन पर रक्तदान कर हम ईश्वर की कृपा मानते हैं। रक्त प्राप्त होते ही महिला की डिलीवरी की प्रक्रिया सुचारू रूप से शुरू की गई, और परिजनों ने राहत की सांस ली। उन्होंने बंटी भईया और ADHR टीम का हृदय से आभार प्रकट किया। ADHR के जिला महासचिव शैलेन्द्र सांवलिया ने कहा “हमारा संकल्प है कि रक्त की कमी से किसी भी मरीज की जान न जाए। हम सदैव तत्पर हैं और रक्त आपूर्ति को एक सेवा धर्म मानते हैं।” इस मुहिम ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि जब सेवा का भाव हो, तो मानवता की जीत तय है।

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