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हाथरस 18 जून । फल और सब्जियां स्वास्थ्य के लिए जितनी जरूरी हैं, आज उतनी ही खतरनाक भी होती जा रही हैं। इसका कारण है—इन पर किया जा रहा पेस्टीसाइड और केमिकल्स का अत्यधिक व असंतुलित उपयोग। कृषि वैज्ञानिकों और विभिन्न जांच रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया इस गंभीर समस्या से जूझ रही है।

भिंडी, टमाटर, मिर्च, गोभी, आम, पपीता और केले सबसे ज्यादा प्रभावित

एक रिपोर्ट के अनुसार, भिंडी, टमाटर, मिर्च, गोभी जैसे हरी सब्जियों के साथ आम, पपीता और केला जैसे फलों में पेस्टीसाइड्स की मात्रा सबसे अधिक पाई गई है। चिंता की बात यह है कि बहुत से लोग इनका सेवन बिना धोए कर लेते हैं, जिससे पेस्टीसाइड्स सीधे शरीर में पहुंच जाते हैं।

बीमारियों की लंबी फेहरिस्त

पेस्टीसाइड्स के सेवन से मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है, जिससे शरीर के पाचन रस असंतुलित हो जाते हैं और भोजन के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इससे पेट दर्द, बुखार, लीवर की बीमारियां, त्वचा में एलर्जी, पीलापन, और फैटी लिवर जैसी समस्याएं होने लगती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार हर साल विश्वभर में 3 लाख लोगों की मौत पेस्टीसाइड्स के कारण हो रही है।

पेस्टीसाइड्स से जुड़ी प्रमुख बीमारियां

  • पार्किंसंस और अल्जाइमर रोग में वृद्धि

  • डीएनए को नुकसान और ऑक्सीडेटिव तनाव

  • अस्थमा, ऑटिज्म और युवाओं में प्रजनन समस्याएं

  • छोटे बच्चों में डायबिटीज और कैंसर का खतरा

  • त्वचा रोग, हेपेटाइटिस और पीलिया

क्या है समाधान?

कृषि विशेषज्ञों का सुझाव है कि हम घर पर ही इन फलों और सब्जियों को पेस्टीसाइड-मुक्त बना सकते हैं:

  • एक लीटर पानी में 10 ग्राम नमक या मीठा सोडा (बेकिंग सोडा) मिलाकर उसमें सब्जियां या फल 2–3 घंटे तक भिगोएं।
  • इसके बाद साफ पानी से धोकर ही उपयोग करें।
  • धुली हुई सब्जियों को काटने से पहले एक बार फिर बहते पानी से धोना अधिक सुरक्षित होता है।

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