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मथुरा 18 जून । एक्सेल लम्बे समय से डेटा विश्लेषण और व्यावसायिक संचालन की रीढ़ रहा है। 1982 में इसके निर्माण के बाद से सूचना को व्यवस्थित करने, विश्लेषण करने तथा विजुअलाइज करने की इसकी क्षमता ने इसे दुनिया भर के पेशेवरों के लिए अपरिहार्य बना दिया है। यही वजह है कि माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल कौशल की आवश्यकता वाली नौकरियों की उच्च मांग बनी हुई है, जो तकनीकी परिदृश्य के निरंतर विकास के बावजूद इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के प्रबंधन विभाग द्वारा “एडवांस्ड एक्सेल एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में 8डुजाइट लर्निंग एण्ड कंसल्टेंट्स तथा फिनएक्सेल एकेडमी के सीईओ सुमित गुलाटी ने छात्र-छात्राओं को बताईं।

श्री गुलाटी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एक्सेल का भविष्य मुख्य रूप से एआई-संचालित संवर्द्धन में निहित है जो कार्यों को स्वचालित करता है, डेटा विश्लेषण क्षमताओं में सुधार करता है तथा बुद्धिमत्ता प्रदान करने में सहायता करता है। उम्मीद है कि एक्सेल भविष्य में और अधिक सहज और शक्तिशाली उपकरण के रूप में विकसित होगा, जो उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा से गहन अंतर्दृष्टि प्राप्त करने तथा अधिक तेजी से सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।

श्री गुलाटी ने बताया कि एआई संचालित एक्सेल सुविधाएं व्यवसायों के वित्तीय डेटा को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने, रुझानों और पैटर्न की पहचान करने तथा अधिक सटीक पूर्वानुमान बनाने में मदद कर सकती हैं। यह विशेष रूप से उन उद्योगों के लिए उपयोगी है जो अत्यधिक आर्थिक डेटा के साथ काम करते हैं। तीन दिवसीय कार्यशाला में श्री गुलाटी ने छात्र-छात्राओं को एक्सेल के उन्नत फीचर्स, डेटा प्रबंधन तथा एआई आधारित टूल्स के व्यावहारिक उपयोग की बारीकियों से भी अवगत कराया।

अतिथि वक्ता श्री गुलाटी ने आगाह किया कि एक्सेल उपयोगकर्ताओं को एआई संचालित सुविधाओं पर बहुत अधिक निर्भर होने के सम्भावित नुकसानों पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तकनीक की तरह इसमें भी अति-निर्भरता और आत्मसंतुष्टि का जोखिम होता है, जिसके कारण त्रुटियां पकड़ में नहीं आ पातीं या महत्वपूर्ण जानकारियां नजरअंदाज हो जाती हैं। कार्यशाला की समन्वयक सोनिया चौधरी ने बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य जीएल बजाज के छात्र-छात्राओं को आधुनिक व्यापारिक परिवेश में आवश्यक तकनीकी ज्ञान से निपुण करना था।

संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज के डिजिटल युग में एक्सेल का एकीकरण एआई तकनीकों के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं जी.एल. बजाज संस्थान की उद्योग-उन्मुख, भविष्य-सम्मत शिक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। यह पहल संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता और पेशेवर विकास के प्रति दृढ़ संकल्प का सूचक है। कार्यशाला के समापन अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रबंधन डॉ. शशि शेखर ने अतिथि वक्ता सुमित गुलाटी को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना। इतना ही नहीं उन्होंने इस तीन दिवसीय कार्यशाला को विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी बताया।

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