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तेहरान/यरूशलेम 13 जून । पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर चरम पर है। इस्राइली वायुसेना ने ईरान के सबसे बड़े यूरेनियम संवर्धन केंद्र, नतांज फैसिलिटी, पर बीती रात बड़ा हवाई हमला किया है। यह हमला उस समय हुआ जब अधिकांश तकनीकी कर्मचारी केंद्र के अंदर कार्यरत थे। जानकारी के अनुसार, इस्राइल ने इस ऑपरेशन को पूरी गोपनीयता और सटीकता के साथ अंजाम दिया। वायुसेना के फाइटर जेट्स ने प्लांट के भूमिगत संवर्धन हॉल को मुख्य रूप से निशाना बनाया। यह वही हिस्सा है जहाँ सेंट्रीफ्यूज मशीनों की कई पंक्तियाँ मौजूद थीं, जो यूरेनियम को उच्च स्तर तक संवर्धित करने का कार्य करती हैं।

किस हिस्से को निशाना बनाया गया?

बताया जा रहा है कि हमले में यूरेनियम संवर्धन हॉल, बिजली आपूर्ति कक्ष, तकनीकी नियंत्रण प्रणाली, भूमिगत सुरंगें और संचार लाइनें को गंभीर नुकसान पहुंचा है। यह प्लांट रणनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मुख्य केंद्र माना जाता है।

इस्राइल का पक्ष: ‘परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना ज़रूरी’

इस्राइली अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन “ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने” के लिए किया गया है। इस्राइल लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि ईरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और समझौतों को धता बताकर गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। इस्राइली सेना के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा मकसद स्पष्ट है — ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना। अगर हमें फिर से ऐसे कदम उठाने की ज़रूरत पड़ी, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।”

ईरान की चुप्पी, लेकिन भारी नुकसान की आशंका

हमले के बाद ईरान की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि इस हमले से नतांज प्लांट के संवर्धन कार्यों को गहरा झटका लगा है और परमाणु कार्यक्रम की गति धीमी पड़ सकती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राष्ट्र पहले ही मध्य पूर्व में तनाव कम करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। अब यह देखना बाकी है कि वैश्विक शक्तियाँ इस हमले को लेकर क्या रुख अपनाती हैं।

ट्रंप ने दी चेतावनी- और तेज होंगे इस्राइली हमले

इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरानी को फिर से परमाणु समझौता करने को कहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ईरान से उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर वाशिंगटन के साथ समझौता करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि इस्राइल के हमले और भी बुरे होंगे। शुक्रवार को हुए हमलों के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा, अब भी समय है कि इस रक्तपात को रोका जा सकता है। अगली हमले की योजना पहले से ही बनाई जा चुकी है और वे पहले से कहीं ज्यादा क्रूर होंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ट्रूथ सोशल पर लिखा, ‘मैंने ईरान को सौदा करने के लिए कई मौके दिए। मैंने उनसे कहा, सबसे सख्त शब्दों में, बस करो, लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वे कितने भी करीब क्यों न पहुंच गए हों, वे इसे पूरा नहीं कर पाए… पहले ही बहुत मौतें और विनाश हो चुका है, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमलों को और भी अधिक क्रूर बनाने के लिए। ईरान को सौदा करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे, और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था उसे बचाना चाहिए’।

ट्रंप ने आगे कहा- अमेरिका दुनिया में अब तक का सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है, और इस्राइल के पास इसका बहुत ज्यादा भंडार है, और आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा – और वे इसका इस्तेमाल करना जानते हैं। समझौते को लेकर कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला है। वे सभी अब मर चुके हैं, और यह और भी बदतर होगा!

 

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