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सिकंदराराऊ (हसायन) 10 जून । कस्बा के मोहल्ला अहीरान स्थित इन्द्रनगर सिकतरा मार्ग स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के दौरान छठवें दिन मंगलवार को आचार्य सतीश माधव शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के साथ साथ कंस बध, रूकमणि विवाह लीला के प्रसंग की कथा का मार्मिक वर्णन किया।आचार्य ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का श्रवण करने से मनुष्य का जीवन संवार जाता है।उन्होने कहा कि मनुष्य अपने जन्मोत्सव के कार्यक्रम में बडे हर्ष के साथ विभिन्न प्रकार के दिखावा करने के चक्कर में अपने जीवन के कम होने वाले वर्ष पर आर्थिक खर्च करता है। उन्होने कहा कि जन्मोत्सव के दिन हमें भगवान की कथा,लीला जैसे आध्यत्मिक कार्य करने व कराए जाने चाहिए।
आचार्य ने कहा भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपरांत भगवान श्रीकृष्ण ने विभिन्न प्रकार की लीला करते हुए प्रथ्वी पर बढ रहे अधर्म का पतन करने के लिए दुष्ट प्रवृति रखने वाले जीवों का संहार कर धर्म का मान बचाया। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मामा के द्वारा बृज गोकुल में भेजे गए दुष्ट प्रवृति के जीवों के साथ साथ मामा कंस का भी बध किया। श्रीमद भागवद ज्ञान यज्ञ कथा में रूकमणि विवाह के प्रसंग के दौरान बृज के वैवाहिक धार्मिक मंगल गीतों पर महिला श्रद्धालु जमकर झूमकर भाव विभोर हो गए। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में छठवें दिन की कथा प्रसंग के सम्पन्न होने पर यादव समाज के आयोजकों के द्वारा आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया।

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