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हाथरस 08 जून । यज्ञ और युद्ध से राष्ट्र , धर्म एवँ संस्कृति की रक्षा होती है। धर्म की रक्षा के लिये शस्त्र उठाना पढ़ता है। वीर छत्रपति शिवाजी ने भी धर्म ,राष्ट्र की रक्षा के लिये शस्त्र उठाये ।छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिससे इस संप्रभु और शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य की नींव पड़ी। शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के समय तक इस देश के धर्म, संस्कृति व हिन्दू समाज का संरक्षण कर हिंदुराष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने के जो प्रयास चले थे उन्ही कार्यो को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निरन्तर आगे बढ़ा रहा है। समस्त हिन्दू समाज एक होकर जब आगे बढ़ेगा तो समूचे विश्व में भारत की जयजयकार होगी। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हरिगढ़ विभाग कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रहास चौहान ने बागला इंटर कॉलेज में आयोजित हिन्दू साम्राज्य दिवस में कही।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर एवँ पुष्पार्चन कर किया गया। मुख्य वक्ता इन्द्रहास चौहान ने उपस्थित स्वयंसेवकों को हिन्दू सम्राराज्य दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन समस्त हिन्दू समाज के लिये गौरव का दिन है। आज हिन्दू पदपादशाही की स्थापना हुई और वीर छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ । शुद्व शात्विक प्रेम अपने कार्य का आधार मानते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निरन्तर राष्ट्र के उत्थान के लिये कार्य कर रहा है। संघ बर्ष में छः प्रमुख उत्सव मनाता है, उन्ही में से एक प्रमुख उत्सव है  हिन्दू साम्रराज्य दिवस। सन 1674 में ज्यैष्ट शुक्ल त्रियोदशी को हिन्दू पदपादशाही के प्रणेता शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक कर हिन्दू साम्रराज्य की स्थापना की गई। शिवाजी महाराज ने महाराष्ट्र के रायगण के किले में हिन्दू पदशाही की स्थापना कर भारत को गौरवान्वित किया। शिवाजी महाराज बचपन से ही स्वाभमानी एवं राष्ट्रभक्त थे। शिवाजी महाराज के शासन में सभी की सहभागिता रहती थी। सामान्य मछुआरों से लेकर वेदशासित पंडित सभी उनके राज्य में सहभागी थे। उनके शासन में छूआछूत का कोई स्थान नही था। वह वीर थे उन्होने कभी झुकना नही सीखा। विसम परिस्थितियों में क्रूर शासकों से लोहा लेकर शिवाजी महाराज ने छत्रपति शिवाजी बनकर मुगलों को धूल चटाने का कार्य किया। भारत में गोरिल्ला युद्वनीति के उन्नायक शिवाजी महाराज को मना गया है। शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई और समर्थ गुरू रामदास को शिवाजी को संस्कार देने में अहम योगदान था।रामायण और महाभारत की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि जो जैसा व्यवहार करे उसके साथ वैसा ही व्यवहार करो। जो तुम पर हिंसा करता है, उसके प्रतिकार में तुम भी उस पर हिंसा करो। शिवाजी ने अपनी सूझबूझ से अनेकों किलों को जीता।शिवाजी ने अपने धर्म की रक्षा और संवर्धन के लिए ब्राह्मणों, गायों और मंदिरों की रक्षा को अपना लक्ष्य घोषित किया। छत्रपति शिवाजी महाराज का समूचा व्यक्तित्व सम्पूर्ण हिन्दू समाज के लिए आज भी मूर्तिमंत आदर्श बनकर राष्ट्र और हिन्दू समाज के हितों के लिये कार्य करने हेतु प्रेरित करता रहेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी एवँ उधोगपति प्रशांत अग्रवाल ने की तथा संचालन नगर कार्यवाह भानु ने किया। इस अवसर पर विभाग सह कार्यवाह अजय कुलश्रेष्ठ, विभाग सह संपर्क प्रमुख दुर्गेश गुप्ता, विभाग योग प्रमुख, हजारीलाल जिला संघचालक डॉ यूएस गौड़, जिला बौद्धिक प्रमुख पवन शर्मा, जिला प्रचार प्रमुख आशीष सेंगर, जिला व्यवस्था प्रमुख मनीष अग्रवाल, नगर संघचालक डॉ पीपी सिंह, सह नगर संघचालक धर्मेंद्र सिंह , सह नगर कार्यवाह टिंकू राना, नगर सह शरीरिक प्रमुख विपिन, मिलन प्रमुख प्रतीक, सह सेवा प्रमुख राजू, नगर सह धर्म जागरण प्रमुख शुभम एलानी, नगर सह संपर्क प्रमुख वीरेंद्र माहौर, अखिल पचौरी, जिला गौ सेवा प्रमुख देवेंद्र तोमर, सुनीत आर्य, भाजपा जिलाध्यक्ष शरद महेश्वरी, प्रवीण वार्ष्णेय, भाजपा नगर अध्यक्ष मूलचंद्र वार्ष्णेय, रामहरि चाहर, कृष्ण गोपाल भारद्वाज , दीपक पवार, राजू राना, महेश दीक्षित, अमन बंसल, योगेश पचौरी आदि सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।

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