सिकंदराराऊ (हसायन) 07 जून । “पल-पल ढल रहे ये चारों पहर… धीरे-धीरे ढल रही उम्र की डगर…” इस गूढ़ जीवन सत्य को शनिवार को हसायन कस्बे के मोहल्ला अहीरान स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में राष्ट्रीय कथाचार्य एवं श्री भागीरथी विश्व शांति मिशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आचार्य सतीश माधव शास्त्री ने भावपूर्ण शैली में व्यक्त किया। उन्होंने सृष्टि रचना और महाभारत की लीला का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे द्वापर युग में जमीन-जायदाद के विवाद ने कौरव-पांडवों को आमने-सामने कर दिया, वैसी ही स्थिति आज समाज में भी देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं शांति दूत बनकर गए, लेकिन दुर्योधन की हठ और गलत नीति के कारण ही महाभारत का युद्ध हुआ।
आचार्य सतीश माधव शास्त्री ने कहा कि यदि जीवन में मन को एकाग्र करना है, तो प्रातःकाल उठकर प्राणायाम करना प्रारंभ करें। प्राणायाम से मन शांत होता है और व्यक्ति ईश्वर की ओर अग्रसर होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज का युवा वर्ग पाश्चात्य संस्कृति के मोह में उलझकर अपने आध्यात्मिक मूल्यों से भटक रहा है, जबकि उसका कल्याण ध्यान, योग और भक्ति मार्ग में निहित है। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और आचार्य जी के प्रवचनों को श्रद्धा से सुना।