हाथरस 30 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो को संपादित कर आपत्तिजनक और देशविरोधी सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह मामला सासनी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत गांव सिंघर से जुड़ा हुआ है। मामले की शिकायत ग्राम प्रधान पति कन्हैया सिंह तोमर द्वारा दर्ज कराई गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि नगला भीका सांदलपुर निवासी अशरफ खां उर्फ निसरत पुत्र सौदन खां ने प्रधानमंत्री का वीडियो एडिट कर सोशल मीडिया पर डाला, जिसमें भारत-पाकिस्तान युद्ध से संबंधित कई आपत्तिजनक दृश्य शामिल किए गए थे।पोस्ट में कथित रूप से पीएम मोदी को पाकिस्तान से माफी मांगते हुए, गधा गाड़ी पर जहाज लादते हुए, विंग कमांडर व्योमिका सिंह को पाकिस्तानी सेना के समक्ष बेइज्जत होते हुए और भारत के जहाजों को पाकिस्तान द्वारा नष्ट किए जाते हुए दर्शाया गया था। पुलिस ने इस मामले में अशरफ खां के साथ एक अन्य आरोपी शेरों को भी गिरफ्तार किया। दोनों को न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। इस प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 5 में हुई, जहाँ वादी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजपाल सिंह पुनिया एवं राधारमन शर्मा ने प्रभावी पैरवी की। अभियोजन की तरफ से पैरवी राजपाल सिंह दिशवार एडवोकेट ने पैरवी की। न्यायालय ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। यह मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग और साइबर अपराध की गंभीरता को रेखांकित करता है, जिसमें देश के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री को प्रसारित करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस और प्रशासन इस मामले में सख्त रुख अपनाए हुए है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि अभियुक्त निर्दोष हैं और उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। उनके अनुसार अभियुक्त ने ना तो कोई वीडियो अपलोड किया, ना डाउनलोड, ना एडिट, और ना ही वायरल किया।