दौसा 20 मई । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक लंबे समय से फरार चल रहे कुख्यात अपराधी देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे आपराधिक जगत में ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर होने के बावजूद देवेंद्र ने कई वर्षों तक सीरियल किलिंग, अवैध किडनी रैकेट, हत्या और लूट जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दिया।
67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा ने 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल मिलने के बाद फरार होकर राजस्थान के दौसा जिले में एक आश्रम में पुजारी के रूप में छिपकर रहना शुरू कर दिया था। दिल्ली क्राइम ब्रांच की आरकेपुरम यूनिट ने गुप्त सूचना और लंबी जांच के बाद उसे दबोच लिया।
अपराधी का आपराधिक सफर
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी देवेंद्र शर्मा ने 1984 में बिहार से बीएएमएस (BAMS) की डिग्री हासिल की। शुरुआत में वह राजस्थान के बंदीकुई में ‘जनता क्लिनिक’ नाम से आयुर्वेदिक क्लिनिक चलाते थे। लेकिन 1994 में एक गैस एजेंसी के घोटाले में 11 लाख रुपये की ठगी का शिकार होने के बाद उन्होंने अपराध की राह पकड़ी।
1995 से 2004 के बीच देवेंद्र ने अवैध गैस एजेंसी, किडनी रैकेट और टैक्सी व ट्रक ड्राइवरों की भयावह सीरियल किलिंग शुरू की। पुलिस के अनुसार, उसने अपने साथियों के साथ मिलकर सैकड़ों ड्राइवरों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी और उनके शवों को कासगंज के हजारा नहर में मगरमच्छों के हवाले कर दिया ताकि कोई सबूत न मिले।
अवैध किडनी रैकेट का भी था प्रमुख सरगना
1998 से 2004 तक देवेंद्र शर्मा ने एक अन्य डॉक्टर अमित के साथ मिलकर अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का भी रैकेट चलाया। इस दौरान उन्होंने 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट में मध्यस्थता की और हर ट्रांसप्लांट से 5 से 7 लाख रुपये का कमीशन कमाया।
पुलिस की लंबी छानबीन और गिरफ्तारी
पैरोल मिलने के बाद फरार चल रहे देवेंद्र की तलाश में दिल्ली पुलिस ने छह महीने तक अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, आगरा, प्रयागराज और दौसा में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए। गुप्त सूचना के आधार पर टीम दौसा पहुंची और आरोपी को एक आश्रम में साधु के रूप में छिपा पाया।
पुलिस टीम ने खुद को उसके शिष्य बताकर उसका विश्वास हासिल किया और सही समय पर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में देवेंद्र ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह जेल लौटने की बजाय फिर से फरार रहना चाहता था।
पैरोल का पहले भी कर चुका है दुरुपयोग
यह पहली बार नहीं है जब देवेंद्र शर्मा ने पैरोल का गलत इस्तेमाल किया हो। 2020 में भी वह 20 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था और सात महीने तक फरार रहा। उसके आपराधिक कृत्यों के उजागर होने के बाद 2004 में उसकी पत्नी और बच्चे भी उसे छोड़कर चले गए थे।
आपराधिक रिकॉर्ड और सजाएं
देवेंद्र शर्मा के खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट सहित कुल 27 संगीन मामले दर्ज हैं। इनमें से सात मामलों में उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी है और एक मामले में मौत की सजा भी सुनाई गई है।