हाथरस 13 मई । जिले के विभिन्न विकासखण्डों—सासनी, हसायन, मुरसान एवं सहपऊ के क्षेत्रों में फॉल आर्मी वर्म नामक घातक कीट का मक्का, मूंग एवं अन्य फसलों पर प्रकोप देखा गया है। इस बारे में जिला कृषि रक्षा अधिकारी विभाति चतुर्वेदी ने किसानों को समय रहते आवश्यक उपाय अपनाने की सलाह दी है।
कीट की पहचान
फॉल आर्मी वर्म की मादा पत्तियों की निचली सतह पर 50-200 अंडे देती है, जो सफेद झाग से ढके होते हैं। इसका लार्वा भूरे रंग का होता है और सिर पर उल्टा अंग्रेजी ‘Y’ (वाई) आकार दिखाई देता है। यह कीट मक्के की गोभ (पत्तियों के बीच की संरचना) में घुसकर फसल को नुकसान पहुँचाता है।
फसल में दिखने वाले लक्षण
- पत्तियों में छोटे-छोटे छिद्र
- किनारों पर भूसे जैसे बुरादे का जमाव
- फसल की बढ़वार में रुकावट
नियंत्रण के उपाय
जैविक और प्रारंभिक नियंत्रण
- नीम ऑयल (5 मि.ली. प्रति लीटर पानी)
- एन.पी.वी., मेटाराइजियम एनिसोप्ली, वैसिलस थुरिनजैनिसिस जैसे जैविक उत्पाद
- रेत व बुझा चूना (9:1 अनुपात) का गोभ में बुरकाव
रासायनिक नियंत्रण (10-20% क्षति पर)
- क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल, इमामोक्टिन बेनजोइट, थायोमेथाक्सॉम + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन जैसे मिश्रित रसायनों का उपयोग
- प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव
यांत्रिक उपाय
- प्रति एकड़ 3-4 लाइट ट्रैप
- 6-8 बर्ड पर्चर
- 35-40 फेरोमोन ट्रैप प्रति हेक्टेयर
समस्या का समाधान अब WhatsApp पर
किसान भाई अपने खेत की समस्या की फोटो और पता व्हाट्सएप नंबर 9452247111 या 9452257111 पर भेज सकते हैं। 48 घंटे के भीतर विशेषज्ञों द्वारा समाधान दिया जाएगा।
रसायनों पर 50% अनुदान
क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल, इमामोक्टिन बेनजोइट, थायोमेथाक्सॉम, क्लोरोपारिफास आदि कीटनाशक 50% अनुदान पर कृषि रक्षा इकाइयों में उपलब्ध हैं। जिला कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे कीट प्रकोप को हल्के में न लें और समय रहते उचित कदम उठाकर अपनी फसलों को बचाएं।