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मथुरा 29 अप्रैल । राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक और मानसिक क्षमता का नायाब उदाहरण पेश करते हुए नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित 45वीं नेशनल ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत सहित चैम्पियंस ट्रॉफी जीतकर समूचे मथुरा जनपद को गौरवान्वित किया। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के सैकड़ों स्कूलों के हजारों छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक क्षमता दिखाई।

कम उम्र में ही छात्र-छात्राओं का सम्पूर्ण मस्तिष्क विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवर्ष ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता विभिन्न शहरों में आयोजित की जाती है। इसी कड़ी में विगत दिवस देश की राजधानी नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में नेशनल ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने न केवल सहभागिता की बल्कि कुछ मिनट के अंदर ही सैकड़ों कठिन प्रश्नों के सही उत्तर देकर स्वर्ण, रजत पदक के साथ चैम्पियन ट्रॉफी अपने नाम की।

विद्यालय हेड प्रिया मदान ने बताया कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नई दिल्ली में आयोजित ब्रेनोब्रेन अबेकस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में आरआईएस के कक्षा 6 के छात्र मानस सारस्वत ने अपनी बौद्धिक क्षमता से जहां चैम्पियन्स ट्रॉफी पर कब्जा जमाया वहीं कक्षा 4 की दर्शिका ने गोल्ड मेडल तथा कक्षा 9 की वैदांशी लवानिया ने सिल्वर मेडल जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय का गौरव बढ़ाया। सुश्री मदान ने मेधावियों को बधाई देते हुए कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य छात्र-छात्राओं के ज्ञान और कौशल में इजाफा करना है ताकि बच्चे हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकें।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने नई दिल्ली में शानदार सफलता हासिल करने वाले मेधावी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि स्कूल-कॉलेजों का उद्देश्य सिर्फ किताबी ज्ञान देना ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास होना चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ब्रेनोब्रेन अबेकस जैसी प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों की गणितीय तथा बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता कोई हो उससे बच्चों को जीत या सीख जरूर मिलती है।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने विजेता बच्चों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां हर समस्या का समाधान है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चे की गणितीय तथा सीखने की क्षमता को लेकर चिंतित रहते हैं। आरआईएस प्रत्येक बच्चे को जल्दी और प्रभावी ढंग से सीखने, कल्पना करने, ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रशिक्षित करता है ताकि वह अपने मस्तिष्क को पहले से कहीं अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग में ला सकें। श्री अग्रवाल ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से ही बच्चों का सम्पूर्ण मानसिक तथा बौद्धिक विकास होता है।

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