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सादाबाद 28 अप्रैल । भगवान राजराजेश्वर सहस्रार्जुन जी का राज्याभिषेक अक्षय तृतीया की तिथि को हुआ था। अक्षय तृतीया को लेकर श्री कार्त्तवीर्य नक्षत्र ज्योतिष संस्थान् के संस्थापक आचार्य विनोद शास्त्री ने जानकारी साझा की है।शास्त्री जी ने बताया कि ब्रंह्माडिय ग्रह गोचर स्थिति के कारण इस दिन यह तिथि कभी क्षय नहीं होती है । इस तिथि के प्रभाव से किया हुआ कार्य दीर्घकालीन तक चलता है तथा इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति लंबी आयु को प्राप्त होता है तथा उसके कार्यों के कारण उसकी मृत्यु के बाद भी लंबे समय तक उसका स्मरण किया जाता है अर्थात वह अजर- अमर हो जाता है। आचार्य विनोद शास्त्री के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण श्री परशुराम जी अजर अमर माने जाते हैं। भगवान सहस्रबाहु अर्जुन जी का राज्याभिषेक अक्षय तृतीया के दिन हुआ था , इस तिथि के प्रभाव से उन्होंने पृथ्वी के सातों दीपों पर अक्षय रूप से जीवन पर्यंत धर्म पूर्वक शासन किया। शास्त्रों में वर्णित है… पञ्चाशीतिसहस्ताणि वर्षाणां से नराधिप: । स सप्तद्वीपवान्सम्राट चक्रवर्ती वभूव ह् ।। नरपति कार्तवीर्य सहस्रार्जुन पिच्चासी हजार वर्षों तक पृथ्वी के सातों द्वीपों पर एक मात्र चक्रवर्ती सम्राट रहे। उन्होंने अपने राज्याभिषेक होते ही यह घोषणा कर दी कि आज के बाद मेरे राज्य में कोई शस्त्र धारण नहीं करेगा सब की सुरक्षा का भार मेरा है। उनके राज्यकाल में चोरी नहीं हुआ करती थी तथा किसी का धन भी नाश नहीं हुआ करता था। यदि किसी का धन नष्ट हो जाए तो इनके स्मरण मात्र से नष्ट हुआ धन भी पुनः प्राप्त हो जाता था। वे अपनी प्रिय जनता की स्वयं रक्षा करते थे। अक्षय तिथि होने के प्रभाव के कारण इस दिन क्रय की गई भूमि, सोना चांदी आदि कभी नष्ट नहीं होते हैं। इसलिए इस दिन सोना, चांदी ,भूमि, खरीदने तथा विवाह शादी करने से दीर्घायु तक शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसी संदर्भ में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी अलीगढ़ रोड स्थित श्री सहस्रार्जुन मंदिर पर भगवान कार्त्तवीर्य अर्जुन जी का अभिषेक , पूजा , पाठ का आयोजन किया जाएगा और मन्दिर पर राज्याभिषेक दिवस मनाया जाएगा।

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