हाथरस 22 अप्रैल । मानवता और सेवा की मिसाल कायम करते हुए जायंट्स ग्रुप ऑफ हाथरस ‘पहल’ द्वारा बागला महिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा सेवा शिविर का आयोजन किया गया। इस सेवा शिविर के अंतर्गत अस्पताल में भर्ती सभी 15 जच्चाओं और उनके नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल की गई तथा उन्हें आवश्यक पोषाहार एवं उपयोगी सामग्री प्रदान की गई। सेवा शिविर में फुल क्रीम दूध, दलिया, मूंग की दाल, बिस्किट, फल और बादाम के पैकेट वितरित किए गए। सभी नवजात बच्चों को कपड़े और झुनझुने उपहार स्वरूप भेंट किए गए, जिससे प्रसूताओं के चेहरे पर प्रसन्नता झलक उठी। साथ ही, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए सेनेटरी नैपकिन के पैकेट भी वितरित किए गए। इस अवसर पर सीएमएस पुष्पलता ने महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि माहवारी के दौरान कपड़े की जगह सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करना अधिक सुरक्षित होता है। इसे स्वच्छ रूप से पैक कर डस्टबिन में फेंकना चाहिए, ताकि संक्रमण और बीमारियों से बचा जा सके। उन्होंने माँ के दूध की महत्ता पर भी प्रकाश डाला।
गर्मी से राहत देने हेतु जिला अस्पताल में आए मरीजों, तीमारदारों और ओपीडी में उपस्थित जनों को शीतल जूस की बोतलें एवं बच्चों को बिस्किट के पैकेट बांटे गए। सीएमएस मैडम और हेड नर्सिंग स्टाफ को प्रेम सूचक स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी ‘पहल’ ने सराहनीय कार्य करते हुए अस्पताल आए मरीजों को कपड़े के थैले वितरित किए और प्लास्टिक उपयोग न करने का आग्रह किया। संस्था ने जागरूक किया कि पॉलीथिन नालियों को जाम करती है और पर्यावरण के लिए हानिकारक है, इसलिए इसके स्थान पर कपड़े के थैले अपनाएं। जनसंख्या नियंत्रण के विषय में सीएमएस पुष्पलता जी ने कहा कि दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए और दोनों बच्चों के बीच कम से कम 5 वर्षों का अंतर रखना चाहिए। उन्होंने सरकार की परिवार नियोजन योजनाओं की जानकारी भी साझा की।
इसके साथ ही टीबी अस्पताल में भर्ती 10 मरीजों को मूंग दाल, दलिया, गुड़, सोयाबीन बड़ी, साबुत चना, मूंगफली और फ्रूटी के पैकेट वितरित किए गए। आज के इस सेवा कार्य को सफल बनाने में ग्रुप अध्यक्ष श्रीमती अंजू अग्रवाल, सचिव श्रीमती वंदना अग्रवाल, डीओएफ श्रीमती सरिता अग्रवाल, पीपी बबीता अग्रवाल, श्वेता गोयल, सीमा गोयल की विशेष भूमिका रही। इसके अलावा रेखा बंसल, रूपा अग्रवाल, मालती गर्ग, नीति वर्मन, सुमनलता अग्रवाल, तृप्ता बंसल, मनीषा गर्ग, पूजा अग्रवाल, दीपा अग्रवाल आदि का भी सराहनीय योगदान रहा। यह सेवा शिविर न केवल जरूरतमंदों के लिए राहत का माध्यम बना, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जनहित की भावना को भी सशक्त किया।