मेरठ 16 अप्रैल । एसपी सिटी कार्यालय में वर्षों से तैनात हेड कांस्टेबल अजीत सिंह पर बड़ी गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विपिन ताडा के निर्देश पर कराई गई जांच में पता चला है कि अजीत सिंह ने तबादले के आदेश के बावजूद दो वर्षों तक रवानगी नहीं कराई और नियमों को ताक पर रखकर एसपी सिटी ऑफिस में ड्यूटी करता रहा। अजीत सिंह को पहले 30 जनवरी को लाइन हाजिर किया गया था, लेकिन कुछ ही समय बाद “सेटिंग” के बलबूते वह फिर से एसपी सिटी कार्यालय में ड्यूटी करने लगा। इस बात की जानकारी एक गुमनाम पत्र के माध्यम से डीआईजी, एडीजी और एसएसपी को भेजी गई, जिसके बाद मामला खुलकर सामने आया। एसएसपी विपिन ताडा द्वारा इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्रा को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि अजीत सिंह लगातार छह वर्षों से एसपी सिटी की पेशी में ड्यूटी कर रहा था, जबकि उसका स्थानांतरण दो वर्ष पूर्व एसपी देहात कार्यालय में कर दिया गया था।
खाते में दस लाख रुपये का लेन-देन
जांच में यह भी सामने आया कि अजीत सिंह के खाते में 10 लाख रुपये से अधिक की रकम विभिन्न खातों से यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर की गई है। संदेह जताया जा रहा है कि ये रकम शहर के गंदे धंधों से जुड़ी हो सकती है। एसपी यातायात ने अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है और बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि “हमारी तैनाती से पहले अजीत सिंह पेशी में तैनात था। उसके कार्यों पर संदेह था, लेकिन अक्सर उसे ही जांच के लिए भेजा जाता रहा। वह सेटिंग कर रकम की वसूली में भी शामिल रहा है। जीडी में उसकी कोई एंट्री नहीं थी। जांच के बाद मामला उजागर हुआ है।”
वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि स्थानांतरण के बाद तुरंत रवानगी की प्रक्रिया होती है, लेकिन अजीत सिंह ने अफसरों को गुमराह कर दो साल तक ड्यूटी की। गुमनाम पत्र ही उसकी हकीकत सामने लाने में निर्णायक साबित हुआ।