हाथरस 16 अप्रैल । डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती सोमवार को जिले भर में धूमधाम से मनाई गई। इसी क्रम में शहर के वरिष्ठ समाजसेवी व फॉकस अल्ट्रासाउंड सेंटर के ओनर डॉ विकास शर्मा ने मथुरा रोड ओढ़पुरा स्थित पंचशील पार्क में आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजली दी और उन्होंने अनुयायी और समर्थकों के साथ दीप जलाए और बाबा साहेब अमर रहें के नारे भी लगाए। जन्म दिन को लेकर उन्होंने केक काटकर बच्चों को वितरण किया और खुशी जाहिर की। इसके बाद वह भूरा नगला के आंबेडकर पार्क पर पंहुचा वंहा पर भी यही कार्यक्रम कर जन्म दिन मनाया। बाबा साहब अमर रहे के जयकारों से पार्क स्थल गूंजांयन रहा। यहाँ पर भी केक काटकर बच्चों वितरण किया साथ एक-एक विस्कुट का पेकट भी दिया। सबसे खास बात यह देखने को मिली की डॉ विकास शर्मा आत्मीय स्नेह के साथ बच्चों के बीच प्यार बांटते नजर आ रहे थे।
डॉ विकास शर्मा ने कहा कि आज पूरे देश भर में अंबेडकर जयंती बड़े धूमधाम के साथ मनाई गई है। इसी के साथ संविधान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवता के मसीहा बाबा साहेब अंबेडकर ने शिक्षा पर कहा था कि “शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वही दहाड़ेगा” बाबा साहेब अंबेडकर का मानना था कि गरीब और वंचित समाज को अगर प्रगति करनी है तो इसका एक मात्र ज़रिया केवल “शिक्षा” है। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे गतिशील समाज के लिए शिक्षा को कितना ज़रुरी मानते थे। शिक्षा पर बाबा साहेब अंबेडकर के त्रि सूत्र थे शिक्षा, संगठन और संघर्ष। उनका कहना था कि शिक्षित बनों, संगठित हों और संघर्ष करों। इस सूत्र का मतलब स्पष्ट है कि संगठित होने और संघर्ष करने के लिए पहली शर्त शिक्षा है। इसलिए सामाजिक न्याय, समानता और संविधान निर्माण में भारत रत्न बाबा साहेब के अमर योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे महान समाज सुधारक, विधिवेता और संविधान निर्माता थे। बाबा साहेब का संपूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। डा. भीमराव अंबेडकर संविधान के निर्माता थे। देश के प्रति उनके योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उनकी जयंती के अवसर पर हम सभी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस मौके पर अनूप अग्रवाल, गोपाल उपाध्याय, अमित चौधरी, कौशल कुमार , बाँबी, जितेन्द्र सिंह, ओम प्रकाश, विशाल, प्रवीन, मुकुल, विमल, अमन, रामपाल, सौराज, सुरेश चंद, नीतेश, गिजेन्द्र, संदीप और शिवम सहित आदि लोग मौजूद थे।