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मथुरा 08 अप्रैल । संकाय सदस्यों को योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा से परिचित कराने, उनके शिक्षण-अधिगम विधियों में सुधार करने तथा मूल्यांकन तकनीकों को बढ़ाने आदि के उद्देश्य से के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में मंगलवार को बेसिक कोर्स इन मेडिकल एज्यूकेशन (चिकित्सा शिक्षा में बुनियादी पाठ्यक्रम) पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के आब्जर्वर डॉ. दिनेश कुमार, प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के, अशोका, बीसीएमई के समन्वयक डॉ. अमित कुमार जैन आदि ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के दिशा-निर्देशों तथा डॉ. दिनेश कुमार निदेशक मेडिकल एज्यूकेशन यूनिट मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली की देखरेख में आयोजित बीसीएमई कार्यशाला में 30 संकाय सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला की शुरुआत पंजीकरण और समूह गतिशीलता पर केंद्रित एक परिचयात्मक सत्र से हुई, जिसके बाद टीम-निर्माण अभ्यास हुए। डॉ. ए.के. जैन ने प्रतिभागियों को समूह गतिशीलता की प्रमुख अवधारणाओं से परिचित कराया, जिससे कार्यशाला में सहयोगी शिक्षण का शानदार माहौल तैयार हुआ।

बीसीएमई कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों ने सीखने की प्रक्रिया, सीखने के डोमेन और सीखने के सिद्धांतों का पता लगाया, साथ ही योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई) ढांचे के भीतर लक्ष्यों, भूमिकाओं और दक्षताओं पर भी चर्चा की। इतना ही नहीं प्रतिभागियों ने विभिन्न शिक्षण-अधिगम विधियों पर भी विचार-विमर्श किया, जिसमें इंटरेक्टिव और छोटी समूह विधियां शामिल थीं। कार्यशाला में मूल्यांकन के सिद्धांतों को भी शामिल किया गया, जिसमें आंतरिक मूल्यांकन और रचनात्मक मूल्यांकन पर विशेष ध्यान दिया गया।

विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं में सीखने के परिणामों को बढ़ाने में प्रभावी प्रतिक्रिया के महत्व पर प्रकाश डाला। पहले दिन प्रतिभागियों के लिए एक ठोस आधार तैयार किया गया, उन्हें समूह की गतिशीलता, सीखने के सिद्धांतों और मूल्यांकन रणनीतियों की व्यापक समझ से लैस किया गया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को शिक्षण और मूल्यांकन कौशल में सुधार की गूढ़ बातें भी बताई गईं। संकाय सदस्यों ने पाठ योजनाएं विकसित करना, मूल्यांकन डिजाइन तथा स्व-निर्देशित शिक्षण और मार्गदर्शन तकनीकों के उपयोग की जानकारी भी हासिल की।

के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने तीन दिवसीय कार्यशाला पर कहा कि इससे संकाय सदस्यों को मेडिकल शिक्षा तथा चिकित्सा में हो रहे बदलावों की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल होगी इससे उनके कार्य और गुणवत्ता में सुधार होगा। कार्यशाला में के.डी. मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा शिक्षा समिति के समन्वयक प्रो. (डॉ.) अमित कुमार जैन तथा पाठ्यक्रम समिति के सदस्यों प्रो. (डॉ.) वी.पी. पांडेय, प्रो. (डॉ.) मंजू पाण्डेय, प्रो. (डॉ.) विक्रम शर्मा, प्रो. (डॉ.) अम्बरीश कुमार, प्रो. (डॉ.) तेजेन्द्र सिंह, प्रो. (डॉ.) आशुतोष कुमार सिंह, प्रो. (डॉ.) गगन दीप, प्रो. (डॉ.) संगीता सिंह, प्रो. (डॉ.) अमित अग्रवाल, असिस्टेंट प्रो. (डॉ.) मोहर सिंह, डॉ. वंदना बाथम, डॉ. दुष्यंत कुमार आदि  ने विभिन्न विषयों में अपने-अपने अनुभव साझा किए।

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