हाथरस 04 अप्रैल । आज के दौर में आयो होटल्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनका मुख्य उद्देश्य किफायती और सुविधाजनक ठहराव उपलब्ध कराना है, लेकिन हाल के समय में इन होटलों से जुड़े कई ऐसे मामले सामने आए हैं जो बच्चों और किशोरों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाले कई नाबालिग इन होटलों का इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति न केवल उनकी शिक्षा और भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि समाज में भी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। निजी तस्वीरों और वीडियो के दुरुपयोग की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिससे ब्लैकमेलिंग और साइबर अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है।
यह एक गंभीर चिंता का विषय है कि हाथरस में बिना किसी बड़े टूरिस्ट प्लेस के बावजूद हजारों OYO होटल्स संचालित हो रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि इन होटलों का असली उद्देश्य क्या है और इनकी निगरानी किस तरह की जा रही है। अब तक होटल्स सिर्फ हाईवे या बाईपास पर खुलते थे, लेकिन अब छोटे-छोटे मोहल्लों और बाजारों में भी OYO होटल्स की बाढ़ आ गई है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर इनका असली उद्देश्य क्या है? हाथरस बाईपास पर ही सैकड़ों होटल संचालित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई होटलों में संदिग्ध गतिविधियाँ हो रही हैं। कुछ मामलों में अवैध संबंधों, नशाखोरी, ब्लैकमेलिंग और साइबर क्राइम की घटनाएँ भी सामने आई हैं।
आयो होटल्स और नाबालिगों की बढ़ती मौजूदगी
इन होटलों में बुकिंग प्रक्रिया बेहद आसान होती है। मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स की मदद से कोई भी आसानी से कमरा बुक कर सकता है। कई बार होटल स्टाफ पहचान पत्र की जांच में लापरवाही बरतता है, जिससे नाबालिगों को भी आसानी से प्रवेश मिल जाता है। कुछ किशोर इन होटलों का उपयोग पढ़ाई के बहाने या दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने के लिए करने लगे हैं। विभिन्न रिपोर्ट्स में पाया गया है कि कई नाबालिग छात्र-छात्राएं इन होटलों में समय बिताने लगे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई और नैतिक मूल्यों पर बुरा असर पड़ रहा है। जिले में कई होटल संचालकों ने बिना OYO की फ्रेंचाइजी लिए कंपनी का बोर्ड लगा लिया है और सिर्फ पांच-हजार रूपये में कमरा उपलब्ध कराया जाता है।
बच्चों पर पड़ रहा नकारात्मक प्रभाव
- आसानी से पहुंच और गलत इस्तेमाल : ऑनलाइन बुकिंग सुविधा और कम कीमतों की वजह से किशोर इन होटलों का दुरुपयोग कर रहे हैं। कई छात्र माता-पिता को झूठ बोलकर होटल में समय बिताते हैं, जिससे वे पढ़ाई से भटक रहे हैं।
- अनैतिक गतिविधियों में बढ़ोतरी : कुछ होटल्स में अनैतिक गतिविधियों की घटनाएं सामने आई हैं। यहां किशोर गलत आदतों में पड़ सकते हैं, जैसे – अश्लीलता, नशाखोरी और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होना।
- नशाखोरी और शराब का बढ़ता चलन : अक्सर इन होटलों में युवा गुट शराब और नशे का सेवन करते हुए पाए जाते हैं। यदि ये जगहें खुलेआम ऐसे कामों के लिए प्रयोग होने लगीं, तो कम उम्र के बच्चे भी इसके प्रभाव में आ सकते हैं।
- अपराध में बढ़ोतरी : ऐसे मामलों में देखा गया है कि नाबालिग बच्चों का झगड़ों, ब्लैकमेलिंग, और साइबर क्राइम जैसी गतिविधियों में शामिल होना बढ़ रहा है।
प्रशासन की लापरवाही और होटल प्रबंधन की भूमिका
हालांकि सरकार और पुलिस समय-समय पर होटलों की जांच करती है, लेकिन कई होटल मालिक केवल मुनाफे के लिए नाबालिगों को भी प्रवेश दे देते हैं। कई बार बिना पहचान पत्र चेक किए कमरे दिए जाते हैं, जिससे यह समस्या और गंभीर हो जाती है। प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पुलिस और स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी होटल बिना उचित पहचान पत्र और उम्र सत्यापन के किसी भी ग्राहक को कमरा न दे।
माता-पिता और समाज की जिम्मेदारी
बच्चों को इन खतरों से बचाने के लिए माता-पिता को उनके व्यवहार और गतिविधियों पर नजर रखनी होगी। अगर बच्चा स्कूल या कोचिंग से ज्यादा समय तक बाहर रहता है या घर में झूठ बोलने लगता है, तो सतर्क रहने की जरूरत है।
बचाव के उपाय :
- माता-पिता को अपने बच्चों के दोस्तों और उनकी संगत की जानकारी रखनी चाहिए।
- होटल प्रशासन को नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए और नाबालिगों को कमरे न देने की सख्त हिदायत होनी चाहिए।
- प्रशासन को होटल्स में नियमित जांच करनी चाहिए ताकि गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
- स्कूल और कॉलेजों में बच्चों को नैतिक शिक्षा और सही-गलत का ज्ञान देना आवश्यक है।
ठोस कदम उठाने की जरूरत
आयो होटल्स का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सुविधाजनक और सस्ती सेवाएं देना है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है। अगर प्रशासन, होटल प्रबंधन और माता-पिता मिलकर इस पर ध्यान नहीं देंगे, तो आने वाले समय में यह समाज के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है। समाज और सरकार को मिलकर इस पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि बच्चों और किशोरों का भविष्य सुरक्षित रह सके। जिले में संचालित सभी होटलों में नाबालिग बच्चों पर प्रतिबन्ध लगाने के अलावा बिना शादीशुदा एवं लोकल के रहने वाले युवक-युवतियों पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए।
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