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नई दिल्ली 25 मार्च । आयुष्मान भारत पैनल में शामिल देश भर के 24000 से अधिक अस्पतालों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लाभार्थी संगठित क्षेत्र के कामगारों तथा उनके आश्रितों को इलाज की सुविधा जल्द मिलेगी। श्रम मंत्रालय ने ईएसआईसी के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर तथा सुलभ बनाने के लिए आयुष्मान भारत पैनल के अस्पतालों में ईएसआईसी योजना के लाभार्थियों को कैशलेस इलाज की सुविधा का रास्ता खोलने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। सामाजिक सुरक्षा के साथ संगठित क्षेत्र के कामगारों तथा उनके आश्रितों के स्वास्थ्य चुनौतियों का बेहतर समाधान निकालने के लिए आयुष्मान भारत के अस्पतालों को ईएसआईसी से जोड़ने का यह निर्णय लिया जा रहा है।आयुष्मान भारत पैनल में शामिल अस्पतालों को ईएसआईसी से जोड़े जाने के प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि दूर-दराज तथा छोटे शहरी इलाकों में संगठित क्षेत्र के कामगारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए श्रम मंत्रालय की ओर से वे जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय करेंगे। ईएसआईसी के तहत मार्च 2024 तक 3.72 करोड़ संगठित क्षेत्र के कामगार हैं और उनके आश्रितों को मिलाकर कुल 14.44 करोड़ लाभार्थी कवर किए गए हैं।

क्या बोले केंद्रीय मंत्री?

मंडाविया ने कहा कि वर्तमान आंकड़ों के अनुसार एक कामगार के परिवार की औसत संख्या 3.88 है। इस हिसाब से लाभार्थियों की संख्या 14 करोड़ से ज्यादा है। चूंकि आयुष्मान भारत पैनल में शामिल अस्पतालों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के मानकों के हिसाब से पैनल में सूचीबद्ध किया है, इसलिए ईएसआईसी से इन्हें जोड़ने में कोई दिक्कत नहीं है।
श्रम मंत्रालय के इस फैसले के बाद संगठित क्षेत्र के कामगारों-लाभार्थियों के लिए देश के करीब 31000 सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज का रास्ता खुल जाएगा जिसमें 150 से अधिक ईएसआईसी के अस्पताल तथा 1600 डिस्पेंसरी भी शामिल हैं।

लाभार्थियों के चिकित्सा खर्च की सीमा नहीं होगी

श्रम मंत्री ने साफ किया कि ईएसआईसी के तहत आयुष्मान भारत पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज के लिए किसी तरह की कैपिंग नहीं होगी। यानि लाभार्थियों के लिए चिकित्सा खर्च पर कोई सीमा नहीं होगी और सारा खर्च ईएसआइसी वहन करेगा। आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा है और वर्तमान में करीब 60 करोड़ लोगों को केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ मिल रहा है।

UP के इन 15 जिलों के कामगारों को भी मिलेगी सुविधा

  • ईएसआईसी के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से वंचित उत्तरप्रदेश के 15 जिलों के संगठित क्षेत्र के कामगारों को इस दायरे में लाने की श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी।
  • केंद्र सरकार के इस फैसले के साथ ही अब उत्तरप्रदेश के 75 में से 74 जिले ईएसआईसी की स्वासथ्य सुविधाओं के दायरे में आ गए हैं। सूबे का अब केवल एक जिला बांदा अब ईएसआईसी सुविधा के दायरे से बाहर है।
  • केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने ईएसआईसी के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का कवरेज बढ़ाने की दिशा में उत्तरप्रदेश के 15 जिलों को दायरे में लाए जाने को अहम करार दिया। उनके अनुसार देश के 689 जिलों में ईएसआइसी योजना पूरी या आंशिक तौर पर अधिसूचित है। जबकि 104 जिलों में अब तक यह योजना लागू नहीं थी।
  • उत्तरप्रदेश के 15 जिलों को शामिल किए जाने के बाद अब देश में 89 जिले ईएसआईसी सुविधा के लिए अधिसूचित नहीं हैं और श्रम मंत्रालय अगले दो साल में बाकी बचे इन जिलों में ईएसआईसी कवरेज में लाया जाएगा। उत्तरप्रदेश में अब कुल 74 जिलों में पूर्ण रूप क्रियान्वयन के बाद इसका सूबे में संगठित क्षेत्र के कामागारों तथा उनके परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा का फायदा मिलेगा। लाभार्थियों की यह संख्या करीब 1.16 करोड़ है।
  • ईएसआईसी कवरेज के लिए अधिसूचित उत्तरप्रदेश के 15 जिलों के नाम: अंबेडकर नगर, औरैया, बहराईच, गोंडा, हमीरपुर, जालौन, कन्नौज, महाराजगंज, महोबा, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, शामली, प्रतापगढ़, कासगंज और श्रावस्ती

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