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मथुरा 24 मार्च । जल जीवन का आधार है, इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। पीने योग्य पानी की लगातार होती कमी समूचे जनजीवन के लिए चिन्ता का विषय है। यदि हम अभी से सचेत नहीं हुए तो हम सब मुश्किल में पड़ जाएंगे। पानी को बनाया नहीं बल्कि बचाया अवश्य जा सकता है। यह बातें अकबरपुर के लोगों को जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की टीम ने अकबरपुर के ग्रामीणों को बताईं।

विश्व जल दिवस पर जी.एल. बजाज कॉलेज की टीम ने अकबरपुर गांव में जल संरक्षण को लेकर एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को जल संरक्षण के महत्व से अवगत कराना तथा उन्हें जल बचाने के उपायों के प्रति जागरूक करना था। पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. वजीर सिंह और सह आचार्य डॉ. राजीव कुमार सिंह ने ग्रामीणों को जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। पर्यावरण विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को जल संकट की गम्भीरता से परिचित कराने के साथ ही इसके समाधान भी सुझाए।

डॉ. वजीर सिंह ने वर्षा जल संचयन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया और बताया कि किस प्रकार हम अपने घरों और खेतों में वर्षा जल संचित करके भूजल स्तर को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने पानी की बर्बादी रोकने के उपाय भी सुझाए, जैसे कि टपकते नलों को ठीक करना, अधिक पानी खर्च करने वाले तरीकों से बचना और जल पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) को अपनाना।

डॉ. राजीव कुमार सिंह ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जल संकट के समाधान प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि जल प्रदूषण भी एक गंभीर समस्या है, जिससे जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने जैविक और रासायनिक कचरे के सही निपटान और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाने पर जोर दिया। विशेषज्ञों ने उपस्थित लोगों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई और आग्रह किया कि वे अपने दैनिक जीवन में जल बचाने की आदतें अपनाएं। उन्होंने ग्रामीणों को प्रेरित किया कि वे अपने घरों में कम पानी खर्च करें, नदियों और तालाबों को स्वच्छ रखें तथा जल-संरक्षण से जुड़ी आधुनिक तकनीकों को अपनाने का प्रयास करें।

इस जागरूकता अभियान में जी.एल. बजाज समूह के लैब असिस्टेंट दिनेश, छात्र ओजस दुबे, आयुष शुक्ला, यश गर्ग और प्रखर पांडेय ने स्वयंसेवक की भूमिका निभाई। उन्होंने ग्रामीणों को जल संरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं और अभियान के संचालन में सक्रिय योगदान दिया। स्वयंसेवकों ने पोस्टर, चार्ट और प्रजेंटेशन के माध्यम से भी जल संकट से निपटने के प्रति लोगों को जागरूक किया।

यह अभियान अकबरपुर के लोगों के लिए शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक रहा। ग्रामीणों ने इस विषय पर गहरी रुचि दिखाई और जल संरक्षण को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। इस पहल से यह स्पष्ट हुआ कि यदि हम सभी मिलकर जल बचाने का प्रयास करें  तो जल संकट को काफी हद तक कम किया जा सकता है। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि जी.एल. बजाज का उद्देश्य युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों के प्रति प्रोत्साहित करना भी है। इस जागरूकता अभियान से ग्रामीणों के बीच जल संरक्षण के प्रति जरूर सकारात्मक सोच विकसित हुई होगी। प्रो. अवस्थी ने समाज और राष्ट्र की तरक्की के लिए ऐसे जागरूकता अभियानों को जरूरी बताया।

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