हाथरस 20 मार्च । उत्तर प्रदेश विधान परिषद की नियम पुनरीक्षण समिति के माननीय सभापति धर्मेंद्र कुमार भारद्वाज ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद हाथरस एवं कासगंज के जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार की स्पष्ट मंशा है कि प्रदेशवासियों हेतु संचालित जनकल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ पंक्ति में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए सभी अधिकारीगण अपने-अपने जनपद के जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन जिम्मेदारी पूर्वक करें, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना का लाभ पाने से वंचित न रहे।
बैठक के दौरान सभापति ने 10 बिन्दुओं यथा विगत तीन वर्षों में विधान परिषद के कितने अल्पसुचित, तारांकित एवं अतारांनिन्त पत्रों के उतर भेजे गए है। इसी प्रकार विधान परिषद् के नियम 116, 105, 110 तथा 111 भी कितनी सूचनाओं के उत्तर भेजे गये है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद् की कितनी याचिकायें प्राप्त हुई और उसके सम्बन्ध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है। विशेषाधिकार हनन के कितने मामले लम्बित है। विधान परिषद् उत्तर प्रदेश के कितने मा० सदास्यों के पत्र प्राप्त हुए और उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है। सदन के कार्यों के प्रति जिलास्तर पर क्या विचार/सुझाव है। क्या जिला स्तर के अधिकारियों को संसदीय व्यवहार तथा प्रक्रिया का पूरा ज्ञान है। विधायकों के प्रोटोकाल के उल्लंघन के कितने मामले लंबित है। विगत तीन वर्षों में कितने विधायकों के पत्रो का उत्तर नहीं भेजा गया है तथा विभागीय बैठको में विधायको/ जनप्रतिनिधियों को न बुलाने के कितने प्रकारण है और उसके लिए कौन अधिकारी उत्तरदायी है के सम्बन्ध तथा अन्य बिंदुओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि विधान परिषद उत्तर प्रदेश के माननीय सदस्यों व माननीय विधायकों द्वारा दिए गए पत्रों के क्रम में निर्धारित समय अवधि में कार्यवाही करते हुए कार्यवाही से उनको भी अवगत कराया जाए और विभागीय बैठकों, कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों को भी अवश्य बुलाया जाए। सभापति ने अधिकारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सिद्धांतों पर चलते हुए कार्यकर्ताओं एवं जनता की समस्याओं का शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करने का काम करें, ताकि जनता के बीच में शासन एवं प्रशासन के कार्य प्रणाली को लेकर सकारात्मक संदेश जाता रहे।
कार्यकारी सभापति/अध्यक्ष ने कहा कि समिति का जिले में आने का मुख्य उद्देश्य शासन की नीतियों और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और आम जन मानस की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित कराना है। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक मिनी सदन के रूप में संचालित होती है, इसे सभी अधिकारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद की नियम पुनरीक्षण समिति विधान परिषद की प्रक्रियाओं और नियमों की समीक्षा और सुधार के लिए गठित एक महत्वपूर्ण समिति है। समिति का मुख्य उद्देश्य विधान परिषद के कार्यों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे मा0 जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाए रखें, जनहित से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता और गति लाते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचाएं। इसके साथ ही, समिति ने अधिकारियों को मा0 विधायकों और मा0 विधान परिषद सदस्यों के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने और उनके पत्रों का समयबद्ध उत्तर देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में जनकल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि वह जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। लाभार्थीपरक योजनाओं के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए विभाग की जिम्मेदारी है कि वह पूर्ण पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों का चयन कर उनको शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाए। समिति ने बैठक के माध्यम से सुनिश्चित किया कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे।
सभापति एवं सदस्यों द्वारा विभिन्न विभागों को विगत तीन वर्षों में विधान परिषद के नियम 115, 105, 110 एवं 111 के तहत प्राप्त सूचनाओं, याचिकाओं, विशेषाधिकार हनन के लंबित मामलों, मा0 सदस्यों के पत्र और उन पर की गई कार्यवाही समेत अन्य विभिन्न बिन्दुओं पर बारी-बारी से सवाल-जवाब किए गए। इसी क्रम में मा० कार्यकारी सभापति/अध्यक्ष ने ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों में हो रहे अतिक्रमण के मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की और इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को तालाबों का मौका मुआयना करते हुए यथास्थिति का जायजा लेने तथा तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने के साथ ही संरक्षित करने और भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने साइबर क्राईम के मामलों में पुलिस विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही किये जाने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को बेहतर स्वास्थ्य सेवाऐं मुहैया कराने, पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के साथ ही एम्बुलेंस को मौके पर ससमय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को जर्जर भवनों हेतु आवंटित धनराशि के सापेक्ष शतप्रतिशत गुणवत्तापूर्णढंग से कार्य कराने एवं समय-समय पर किये जा रहे कार्याें का मौका मुआयना करने के निर्देश दिए। अधीक्षण अभियंता विद्युत को अभियान चलाकर बड़े बकायेदारों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
पात्र बच्चों का दाखिला निजी विद्यालयों में मानक के अनुरूप कराने के निर्देश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जरूरतमंद एवं पात्र बच्चों का दाखिला निजी विद्यालयों में मानक के अनुरूप कराने तथा समय-समय पर विद्यालयों में जाकर बच्चों एवं उनके अभिभावकों से वार्ता करने के निर्देश दिए, जिससे शिक्षा के उद्देश्य को पूर्ण किया जा सके।
खाद्य माफियाओं पर शिकंजा कसने के निर्देश
जिला पूर्ति अधिकारी को खाद्य माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने और उनके खिलाफ शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं। खाद्यान्न की कालाबाजारी और अन्य अनियमितताओं को रोकने के साथ ही राशन कार्ड धारकों को मानक के अनुरूप राशन मुहैया कराने के निर्देश दिए। सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी को अभियान चलाकर डग्गामार वाहनों को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए।
सड़कों को गड्डा मुक्त कराने के निर्देश
अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को सड़कों को गड्डा मुक्त कराने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के दोनों ओर हो रहे अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।
यह रहे मौजूद
बैठक के दौरान एमएलसी डा मानवेन्द्र प्रताप सिंह, सदस्य किरण पाल कश्यप, विच्छे लाल राम, विधायक सादाबाद प्रदीप कुमार, जिलाध्यक्ष श्याम सिंह, मुख्य विकास अधिकारी हाथरस-कासगंज, अपर जिलाधिकारी हाथरस/कासगंज, अपर जिलाधिकारी न्यायिक हाथरस, प्रभागीय वनाधिकारी हाथरस, अपर पुलिस अधीक्षक कासगंज, मुख्य चिकित्साधिकारी हाथरस/कासगंज, जिला विकास अधिकारी हाथरस, परियोजना निदेशक हाथरस/कासगंज, जिला सूचना अधिकारी समेत बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, विद्युत, जल निगम, परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति, सहकारिता, सिंचाई, कृषि, पीडब्लूडी, आबकारी, पंचायतीराज, समाज कल्याण से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।