हाथरस 01 मार्च । हाथरस की सांसद-विधायक अदालत में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल मानहानि परिवाद की सुनवाई हुई। मानहानि परिवाद का यह मामला हाथरस दुष्कर्म मामले से संबंधित है। सितंबर 2020 में हाथरस में एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित युवती ने दम तोड़ दिया था। उसी के गांव के चार युवकों पर दरिंदगी करने का आरोप लगा था, जिनमें से तीन आरोपियों रामकुमार, लवकुश और रवि को अदालत ने इन आरोपों से बरी कर दिया था, जबकि संदीप को दोषी माना था और वह अभी भी जेल में है।
इस मामले ने उत्तर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया था। विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने हाथरस दौरे के दौरान पीड़ित परिवार से मिलने के बाद अपने आधिकारिक “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया था कि हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को घर में बंद करके रखना और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों का खुलेआम घूमना बाबा साहेब के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार ने पीड़ित परिवार को दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा भी पूरा नहीं किया है। हम आंबेडकर जी के संविधान को मानने वाले कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग मिलकर उस परिवार की मदद करेंगे-उनके घर का रिनोवेशन हम करेंगे। इस पोस्ट को लेकर दुष्कर्म मामले से बरी रामकुमार ने राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था। मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी के ‘एक्स’ पर पोस्ट करने के बाद उन्हें लेकर तीन शिकायतें की हैं। एक रामकुमार उर्फ रामू की है, जबकि उसके अलावा लवकुश और रवि की भी शिकायतें हैं।
आज रामकुमार के मामले में तारीख थी, जिसमें उसका अदालत में बयान दर्ज किया गया है। इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 24 मार्च तय की गई है। राहुल गांधी ने लड़कों के अदालत से बरी हो जाने के बाद भी अपने एक्स हैंडल पर डाला था कि बलात्कारी बाहर घूम रहे हैं, जबकि यह लोग बलात्कार के आरोप से मुक्त किया जा चुका था। इसके बाद भी राहुल गांधी ने जानबूझकर यह बयान दिया था, जिसके लिए उन्हें नोटिस दिया गया था। राहुल गांधी ने उसका कोई जवाब नहीं दिया।