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हाथरस 21 जनवरी। आज एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा के निर्देशन में साइबर अपराधों से बचाव हेतु जागरूक करने के लिये थाना कोतवाली नगर क्षेत्रान्तर्गत केंद्रीय विद्यालय में “साइबर क्राइम जागरूकता” कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस दौरान प्रभारी निरीक्षक थाना साइबर क्राइम  केशव दत्त शर्मा व उनकी टीम द्वारा स्कूल में मौजूद छात्र छात्राओं व स्कूल स्टाफ को साइबर अपराधो के सम्बन्ध मे जागरुक किया गया तथा इंटरनेट के जरिये पैसे के लेनदेन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बैंक एकाउंट एवं एटीएम एवं पिन व ओटीपी के सम्बन्ध में टेलीफोन पर जानकारी मांगे जाने पर कभी भी साझा न करे । कार्यक्रम में साइबर क्राइम से होने वाली समस्याएं जैसे- गेम से बच्चों का मानसिक व आर्थिक नुकसान, फेक आईडी बनाकर स्कैम करना, लोगों के व्हाट्सएप, फोटो, कैमरा, इंस्टाग्राम, गूगल अकाउंट आदि हैक करना, लोन के नाम पर ठगी करना, डिजिटल एरेस्ट आदि से बचने के उपाय जैसे माता-पिता का बच्चों से फोन की दूरी बनाना, उनकी डिजिटल डाइट तय करना, ऑनलाइन शॉपिंग फ्राड, अपने पासवर्ड बदलते रहना, वायरस टोटल ऐप डाउनलोड करना, अपने फोन के प्रत्येक ऐप की सेटिंग में सिक्योरिटी से टू स्टेप ऑन करके रखना आदि साइबर क्राइम से बचने के तरीके बताए गए । कार्यशाला में बताया गया कि डब्ल्यू एच ओ ने गेम खेलना मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया है । इंटरनेट आपको हीरो भी बना सकता है, और जीरो भी बना सकता है, क्योंकि फोन पर हर तरह की सामग्री से रूबरू होना पड़ता है । इन सबसे बचने के लिए अपनी डिजिटल डाइट कंट्रोल करें । अनुशासन में रहकर फोन का प्रयोग करें । अपने सभी पासवर्ड बदलते रहें, तो साइबर क्राइम से बच सकते हैं ।

इसी क्रम मे प्रभारी थाना साइबर क्राइम द्वारा बताया गया कि फेक न्यूज़ और साइबर अपराध आज के डिजिटल युग में समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं। फेक न्यूज़ समाज में गंभीर खतरों को जन्म देती है, जिससे पुलिस और प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। झूठी खबरें सामाजिक अशांति, धार्मिक एवं सांप्रदायिक तनाव का कारण बन सकती हैं, जिससे अराजकता और हिंसा फैलती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया इन्फलुएंसर औऱ स्कूल एवं कॉलेज के छात्रों को जागरुक किया जाएगा तथा उनकी भागीदारी हेतु उनको उत्तर प्रदेश पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” कहलाया जाएगा । इन डिजिटल वॉरियर को फेक न्यूज़ एवं साइबर अपराध की रोकथाम के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की जाएगी। प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद ये युवा समाज में जागरूकता फैलाने, परिवार के सदस्यों और साथियों को शिक्षित करने और ‘डिजिटल जिम्मेदारी’ की संस्कृति को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। उनके द्वारा बताया गया कि यह उम्र उनके विचारों और सोच को सही दिशा में विकसित करने का सबसे उचित समय होता है। यदि इन्हें फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया जाए, तो ये न केवल स्वयं को इसके झांसे में आने से बचा सकते हैं, बल्कि अपने माता-पिता, सहपाठियों और पड़ोसियों को भी इसके खतरों के प्रति जागरूक कर सकते हैं। ‘उत्तर प्रदेश पुलिस के डिजिटल वॉरियर’ के रूप में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं स्कूल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों का यह नेटवर्क जनता को जागरूक और सुरक्षित डिजिटल उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों को सशक्त करेगा।

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