सिकंदराराऊ (हसायन) 21 जनवरी । कोतवाली क्षेत्र की सलेमपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के गांव मनोरा के एक युवक के द्वारा तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर अपने परिवार के सदस्यो के द्वारा किए जा रहे उत्पीडन को लेकर अपनी पीडा के बारे में पोस्ट डालने के उपरांत पुलिस के द्वारा की गई कार्यवाही को लेकर पुलिस के द्वारा युवक के खिलाफ कार्यवाही किए जाने को लेकर तरह तरह की टिप्पणी व्यक्त की जा रही है।मनोरा निवासी मुकेश कुमार स्व:रामपाल सिंह ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक पर अपने परिवार के सदस्यो के साथ चले रहे जमीन का सौदा करने के उपरांत चौबीस लाख रूपए नही दिए जाने व उत्पीडन को लेकर वायरल की गई पोस्ट के उपरांत पुलिस ने सक्रियता पूर्वक पीडित मुकेश कुमार को मोबाइल पर लोकेशन ट्रेस कर बातचीत के आधार पर सलेमपुर चौकी पर तैनात चौकी प्रभारी महावीर सिंह ने कांस्टेबल विकास सहित तीन पुलिस कर्मियो के अलावा एसओजी पुलिस ने मोबाइल पर खाना खाने की बात कहकर टालमटोल कर तरह तरह की बातें कर सर्विलांस लोकेशन निकालकर बातों मे उलझाकर उसकी आगरा के सिकन्दरा बोदल क्षेत्र स्थित के.के.नगर आगरा से हिरासत में लेकर पुलिस टीम ने जिले के उच्चाधिकारियो के सामने पेश कर बात रखने का आश्वासन देते हुए पुलिस ने उन्नीस जनवरी को हिरासत में लेकर उसकी किसी भी तरह की बात सुने बिना किसी भी उच्च स्तरीय अधिकारियो जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक सीओ के सामने पेश करने के बजाए बिना किसी जुर्म के बिना किसी वजह अपनी पीडा के बारे में सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफार्म पर अपनी पोस्ट डाले जाने पर ही गलत तरीके से कार्यवाही कर शांति भंग के चालान कर दिया।
पीडित मुकेश कुमार ने शांति भंग में चालान होने के बाद जमानत मिलने के बाद फिर से शाम को सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर अपनी समस्या व पीडा से अवगत कराते हुए पोस्ट वायरल करते हुए बताया कि कोतवाली पुलिस ने बिना जुर्म के ही शांति भंग में चालान कर दिया। पीडित मुकेश ने बताया कि कोतवाली के थानाध्यक्ष व अन्य पुलिस कर्मी कह रहे थे कि उसे न्याय दिलाया जाएगा।पुलिस कर्मियो के अलावा स्वंय थानाध्यक्ष ने कहा कि उसे हर संभव न्याय दिलाया जाएगा।पुलिस ने किसी भी अधिकारी के यहां पेश करने के बजाए उसका ही गलत ढंग से चालान कर दिया। पीडित ने बताया कि थानाध्यक्ष कह रहे थे कि वह अपनी समस्या के संबंध में न्यायालय की शरण ले न्यायालय पहुंचने पर उन्हे मुफ्त में विधिक सहायता मिलेगी।पीडित ने कहा कि अगर उनके पास रूपए पैसा या धन होता अपनी पीडा सोशल मीडिया पर वायरल क्यों करता। पीडित ने बताया कि जिस तरह से पुलिस ने मुझे पकडने के लिए तत्परता दिखाई अगर उसी तरह नामजद लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए तत्परता दिखाई होती तो उसे न्याय मिल जाता। सोशल मीडिया पर मुकेश ने कहा कि अगर उन लोगों के खिलाफ कार्यवाही नही हुई तो वह अपने न्याय के लिए अपने हक के लिए जीजान से अंतिम सांस तक लडता रहूंगा।पीडित ने कहा कि शायद उसे जीते जी न्याय नही मिला तो उसके जाने के बाद शायद उसे न्याय मिल जाए।