हाथरस 26 दिसम्बर। करीब तीन माह पहले स्कूल में कक्षा 2 के छात्र कृतार्थ की हत्या के मामले में पूरी कहानी ही बदल गई है। इस मामले में पुलिस ने पहले स्कूल के प्रबंधक दिनेश और उसके पिता जशोधन सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब पुलिस ने चार्जशीट में स्कूल के ही कक्षा 8 के एक छात्र को आरोपी बनाया है। साथ ही पांचों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। इधर, पांचों आरोपियों को कोर्ट से जमानत भी मिल गई है। हालांकि जिस बच्चे की हत्या हुई, उसके परिजन पुलिस पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।
बच्चे की हत्या मामले में परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाए
पुलिस ने डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक और उनके पिता सहित पांच आरोपियों को सबूत मिटाने और अपराध की सूचना न देने का दोषी माना है। चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि आरोपी छात्र मोबाइल चलाने का आदी था। वह स्कूल से छुट्टी चाहता था, उसका मन नहीं लगता था। इसीलिए उसने कक्षा 2 के छात्र कृतार्थ की अंगोछे से गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने स्कूल के पीछे झाड़ियां से अंगोछा बरामद किया। पुलिस ने इस मामले में स्कूल के प्रबंधक दिनेश और उसके तांत्रिक पिता जशोधन सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब विवेचना के बाद पुलिस ने हत्याकांड में शामिल 13 साल के छात्र को दोषी मानते हुए उसे हिरासत में लेकर बाल सुधार ग्रह भेज दिया है। स्कूल के मैनेजर सहित पूर्व में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों को बीते मंगलवार को जमानत मिल गई है। पुलिस की इस विवेचना से कृतार्थ के परिवारीजन संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने गलत चार्जशीट दाखिल की है। वह इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी मदद लेंगे। छात्र कृतार्थ के ताऊ घनश्याम ने बताया कि हमारे साथ जो हुआ है, वह गलत हुआ है। चार्जशीट गलत लगाई गई है। प्रबंधक दिनेश बघेल ने बोला भी था कि हम चार-पांच लोगों ने गला दबाकर बच्चे को मार दिया।
प्रबंधक सहित चार निर्दोष लोगों को भेजा था जेल : पार्थ गौतम
पांचों आरोपियों का जमानत प्रार्थना अधिवक्ता डॉ. पार्थ गौतम ने 24 दिसंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने आरोपी दिनेश बघेल, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मन सिंह, वीरपाल सिंह एवं जशोदन सिंह उर्फ भगत को जमानत मंजूर कर दी है। इस मुकदमे में आरोपी बचाव पक्ष के वकील पार्थ गौतम ने बताया कि पहले विवेचक ने प्रबंधक सहित चार निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया था। अब जब दूसरे विवेचक ने इस मामले निष्पक्ष जांच की और हत्या की धाराओं को लोप करते हुए रिमांड न्यायालय में पेश किया, उसके बाद आरोप पत्र का संज्ञान लिया गया है। संज्ञान के बाद हमने बेल एप्लीकेशन पेश की। पांच आरोपियों को बेल मिली है। बताया कि हत्यारोपी छात्र बाल अपचारी है। वह ऑनलाइन गलत वीडियो ज्यादा देखता था। वह इस समय बाल गृह में है. कोर्ट ने हत्या के आरोप में जेल में बंद 5 आरोपियों को जमानत दी है। उसमें भी विवेचना प्रचलित है. बता दें कि जिले के थाना सहपऊ क्षेत्र के डीएल पब्लिक स्कूल के हॉस्टल में 23 सितंबर को 11 साल के छात्र कृतार्थ की हत्या हुई थी। पुलिस ने इस मामले में बच्चे के पिता की तहरीर पर स्कूल के प्रबंधक दिनेश सहित 5 अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया था। मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद 23 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमे छात्र कृतार्थ की हत्या के लिए एक नाबालिक छात्र को ही जिम्मेदार ठहराया गया है।
आरोपी ने पुलिस को बताई ये कहानी
आरोपी ने पुलिस को बताया था कि 22 सितंबर की रात में सभी बच्चे हॉल में सो रहे थे। मेरा छोटा भाई और छात्र कृतार्थ फर्श पर गद्दा लगाकर सो रहे थे। मैं भी उसी हॉल में था। जब देखा कि सभी सो रहे हैं तो मैं अपने बिस्तर से उठा और कृतार्थ के पास जाकर लेट गया। मेरे पास लाल रंग का अंगोछा था। मैंने धीरे-धीरे अंगोछा कृतार्थ के गले में कस दिया। बाद में पूरी ताकत लगाकर खींच दिया। कृतार्थ कुछ देर के लिए तड़पा और फिर शांत हो गया। सुबह करीब 5 बजे रोजाना की तरह प्रिंसिपल साहब लक्ष्मण सिंह बच्चों को जगाने आए तो कृतार्थ नहीं जागा था। इसी हॉस्टल वाले कमरे में मास्टर राम प्रकाश सोलंकी भी लेटे थे। प्रिंसिपल लक्ष्मण सिंह और सोलंकी सर ने कृतार्थ को देखा। कृतार्थ नहीं बोला तो प्रिंसिपल ने एमडी को फोन किया वह आए और इसके बाद ये कृतार्थ को ले गए।
पुलिस पर लगे आरोप निराधार सीओ सादाबाद
इस मामले में फिर से सभी के बयान दर्ज किए गए थे। बच्चों के भी बयान लिए गए थे। सीसीटीवी फुटेज परीक्षण भी किया गया था। इसके बाद नए तथ्य फिर सामने आए थे। न्यायालय ने भी बारीकी से हर चीज का अध्ययन किया है। जो पुलिस पर आरोप लगे हैं, वह निराधार हैं। पीड़ित आगे न्यायालय की शरण भी ले सकता है।